इंदौर, राजेश ज्वेल। अभी पिछले दिनों ही रियल इस्टेट के गढ़ माने जाने वाले इंदौर में अब तक का सबसे बड़ा जमीनी सौदा हुआ था, जिसमें महू नाका स्थित कुक्कुट पालन केन्द्र की 7 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन ऑनलाइन टेंडर के जरिए लगभग 455 करोड़ रुपए में अहमदाबाद की कम्पनी तीर्थ गोपीकॉन ने हासिल की और स्मार्ट सिटी बोर्ड ने अपनी पिछली बैठक में इस टेंडर को मंजूरी भी दे दी। मगर अब यह जमीनी सौदा घटाई में पड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि कल ही जबलपुर हाईकोर्ट ने 184 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। उक्त याचिका हालांकि गोपीकॉन लिमिटेड की ओर से ही दायर की गई, जिसमें बैंक द्वारा फर्जी बैंक गारंटी देने का आरोप लगाया गया है। मगर ये तो सीबीआई जांच से ही तय होगा कि कम्पनी सही है अथवा गलत। मगर तब तक 455 करोड़ रुपए का यह टेंडर चूंकि सवालियानिशान के घेरे में आ गया है, लिहाजा अफसर भी फिलहाल बचेंगे। कलेक्टर आशीष सिंह का भी कहना है कि इस मामले की जांच करवाएंगे और हाईकोर्ट आदेश पर विधिक अभिमत भी लिया जाएगा।
अग्रिबाण ने ही पिछले दिनों इस सबसे बड़े जमीनी सौदे का खुलासा किया था, जिसमें तीसरी बार में स्मार्ट सिटी इस 17 एकड़ जमीन को बेचने में सफल रही। एमओजी लाइन महू नाका स्थित इस जमीन का आरक्षित मूल्य स्मार्ट सिटी ने 378 करोड़ रुपए आका था और बदले में उसे तीन टेंडर प्राप्त हुए, जिसमें अहमदाबाद मुख्यालय और इंदौर में भी काम करने वाली तीर्थ गोपीकॉन नामक कम्पनी ने 454.54 करोड़ यानी लगभग 455 करोड़ रुपए सर्वाधिक ऊंची बोली लगाई और यह टेंडर हासिल कर लिया। अभी 1 मई को ही हुई स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में इस उच्चतम दर की बोली को मंजूरी भी दी गई और कलेक्टर आशीष सिंह ने इस बड़ी राशि से आधा दर्जन मास्टर प्लान सहित अन्य सडक़ों के निर्माण की घोषणा भी कर दी। मगर अब यह टेंडर खटाई में पड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कल फर्जी बैंक गारंटी मामले में सीबीआई को जांच करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, जमीन खरीदने वाली तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड पर 184 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जमा कराने के आरोप जल निगम द्वारा लगाए गए हैं। जिसके चलते हाईकोर्ट में कम्पनी की ओर से याचिका दायर करते हुए खुद को बेकसूर और बैंक को जिम्मेदार बताया गया है, जिसके चलते अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इसकी जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं और इस जांच से ही यह स्पष्ट होगा कि कम्पनी का दावा सही है अथवा जल निगम का। मगर तब तक कम्पनी ने इंदौर में जो सबसे बड़ा जमीनी सौदा किया है वह तो संदेह के घेरे में इस कार्रवाई के चलते आ ही गया है और अभी अगर इस सौदे का क्रियान्वयन अफसरों ने किया तो उन पर भी आरोप लग सकते हैं। स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह से इस बारे मेंउनका कहना है कि अभी कम्पनी को हमने जमीन का कब्जा नहीं दिया और तीन साल में कम्पनी को ही पहले पैसा देना है। फिर भी नए मामले की जांच कर लेंगे।
रावजी बाजार थाने में भी दर्ज हुई शिकायत
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने इस संबंध में कल दो पेज का आदेश जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की खण्डपीठ ने अपने इस आदेश में जहां सीबीआई जांच करने को कहा, वहीं यह भी उल्लेखित किया कि याचिकाकर्ता की ओर से यह बताया कि इस बारे में इंदौर के रावजी बाजार थाने पर भी बैंक गारंटी से संबंधित शिकायत दर्ज कराई गई है, जो कि पीएनबी ब्रांच कलकत्ता से संबंधित है। यह शिकायत 20 मार्च 2023 को दर्ज कराई गई थी। इस कम्पनी ने इंदौर में स्मार्ट सिटी के भी कई ठेके लिए हैं और निगम के एक अधिकारी ने आगाह भी किया कि उक्त कम्पनी विवादित भी रही है।
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