भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

Water Harvesting जैसा न हो जाए Building Permition में पेड़ों का हाल

  • पानी बचाने के लिए पहले से है प्रावधान, लेकिन नगरीय निकाय धड़ाधड़ दे रहे अनुमति

भोपाल। मप्र सरकार (MP Government) ने दो दिन पहले विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर बिल्डिंग परमीशन (Building Permition) में पेड़ लगाने की अनिवार्यता लागू कर दी है। इस संबंध राज्य शासन की ओर से जल्द ही गाइडलाइन (Guidline) जारी कर दी जाएगी, लेकिन इसके साथ ही सवाल उठ रहे हैं कि कहीं बिल्डिंग परमीशन (Building Permition) के लिए पेड़ों का हाल वाटर हार्वेस्टिंग (Water Harvesting) की तरह नहीं हो जाए। क्योंकि 10 साल पहले मप्र सरकार (MP Government) ने ही घटते भूजल स्तर से चिंतित होकर बिल्डिंग परमीशन (Building Permition) में वाटर हार्वेंस्टिंग सिस्टम (Water Harvesting System) को अनिवार्य किया था। लेकिन अभी भी सरकारी सिस्टम (System) में बिना वाटर हार्वेस्टिंग (Water Harvesting) के ही बिल्डिंग परमीशन (Building Permition)  दी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) 19 फरवरी 2021 से रोजाना एक पौध लगाने का संकल्प पूरा कर रहे हैं। साथ ही लोगों को भी पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके बीच मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर ऐलान किया है कि प्रदेश में अब बिल्डिंग परमीशन (Building Permition)  एवं अन्य अनुमतियां तभी मिलेंगी, तब आवेदन पौध लगाएगा और पेड़ बनने तक उनकी देखभाल करेगा। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि शहरों में पेड़ कहा लगाए जाएंगे। बिल्डिंग परमीशन (Building Permition)  की अनुमति से कितने दिन या साल पहले पौधे लगाने होंगे। जमीन पर पौधे लगाए या नहीं इसका रिकॉर्ड कैसे मेंटेंन होगा। इसकी कोई रणनीति फिलहाल नहीं है। पर्यावरणविद् सरकार की इस मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि मप्र सरकार ने ही घटते भू-जल स्तर को देखते हुए यह प्रावधान किया था कि भविष्य में बिल्डिंग परमीशन तभी मिलेंगी, जब बिल्डिंग में वाटर हार्वेंस्टिंग का प्रावधान किया जाएगा। सरकार के इस अनिवार्य नियम के बाद ही प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में हजारों बिल्डिंग ऐसी बनी हैं, जिनमें जमीनी स्तर पर बिल्डिंग में वाटर हार्वेंस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया है। जिससे बारिश का पानी जमीन में जा सके। बिल्डिंग परमीशन देने वाले अधिकारियों ने भी सरकार के इस अनिवार्य नियम को पालन कराने में ज्यादा सख्ती नहीं दिखाई।

बिल्डिंग परमीशन में बड़ा खेल
दरअसल, बिल्डिंग परमीशन वाली एजेंसियों में करोड़ों का खेल होता है। हर निकाय में बिल्डिंग परमीशन देने वाली इकाई या एजेंसी बिल्डिंग परमीशन को लेकर बदनाम रहती है। बिल्डिंग परमीशन शाखा का इंचार्ज बनने के लिए अधिकारियों में जबर्दंस्त होड़ मची रहती है। बिल्डिंग परमीशन देने में पर्यावरण बचाने से जुड़े अन्य प्रावधानों की भी जानबूझकर अनदेखी होती रही है।

भवन अनुज्ञा में हो पेड़ लगाने का स्पष्ट प्रावधान: मंत्री भूपेन्द्र सिंह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बिल्डिंग परमीशन में पेड़ लगाने की अनिवार्यता का ऐलान करने के साथ ही विभाग नई गाइडलाइन तैयार करने में जुट गया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रत्येक भवन अनुज्ञा में मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-67 के अनुरूप वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक होगा। सिंह ने कहा कि जारी की जाने वाली भवन अनुज्ञा में स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए कि भवन निर्माण के साथ कितने पेड़ लगाना होगा।

100 वर्गमीटर से छोटे घरों के लिए पेड़ अनिवार्य
मंत्री सिंह ने बताया कि नये प्रावधान में 100 वर्ग मीटर से छोटा भू-खण्ड होने पर पार्क या सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाना और उसकी सुरक्षा करना आवश्यक होगा। भवन निर्माण पूर्ण होने पर निर्धारित संख्या में वृक्षारोपण किया गया है, यह सुनिश्चित करने के उपरांत ही आधिपत्य प्रमाण-पत्र जारी किया जाये। निर्देशों का पालन समस्त शासकीय परियोजनाओं, विभाग के अंतर्गत प्रस्तावित समस्त योजनाओं तथा प्रधानमंत्री आवास योजना इत्यादि में सुनिश्चित किया जाये।

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