अयोध्या। अयोध्या (Aayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) बनने का सपना धीरे-धीरे पूरा हो रहा है। मंदिर की नींव (temple foundation) के निर्माण का कार्य अंतिम दौर में हैं। श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Ray) ने बताया कि नींव की अब तक 46 लेयर पड़ चुकी हैं। 48 लेयर डाली जानी है। इसके बाद राफ्ट का निर्माण होगा।
उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर में रामलला (Ramlala) का दर्शन भक्तों को प्राप्त होने लगेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा गर्भ गृह में रामलला तो दूसरे तल पर राम दरबार विराजित होगा। मंदिर का परकोटा साढ़े 6 एकड़ में बनाया जाएगा। गुरुवार को मीडिया को बुलाकर मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी दी गई और उन्हें निर्माण स्थल के दृश्य उपलब्ध करवाए गए।
दोपहर में मीडिया कर्मियों को राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण कार्य देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। भारी बारिश के बीच पहुंचे पत्रकारों ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति का लाइव प्रसारण किया तो घर बैठे लोग राम मंदिर निर्माण कार्य को देखकर आह्लादित हो उठे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था जिसके बाद से ही निर्माण कार्य चल रहा है। समय-समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या आते हैं और निर्माण टीम के सदस्यों से चर्चा करते हैं।
बताया जा रहा है कि बनने वाला राम मंदिर करीब पांच सौ वर्षों तक सुरक्षित रहेगा। राममंदिर का परिसर इको फ्रेंडली होगा। यहां त्रेतायुग के मनमोहक दृश्यों के साथ भक्तों के लिए आधुनिक सुख-सुविधाओं पर पूरा फोकस रहेगा। संपूर्ण परिसर 2025 खत्म होने से पहले विकसित हो जाएगा। पानी का प्रवाह, पानी से रक्षा, बालू के रिसाव को रोकने के लिए तीन दिशा में रिटेनिंग वॉल बनेगी। जिसे जमीन के अंदर 12 मीटर गहराई तक ले जाया जाएगा।
मंदिर में जितनी चौखट लगेंगी वो मकराना के उच्च कवालिटी के सफेद संगमरमर से बनेगी। खिड़कियों में वंशी पहाड़पुर का सैंडस्टोन का इस्तेमाल होगा। राममंदिर के गर्भगृह को आकार देने के लिए एक मजबूत चट्टान तैयार की जा रही है। इसके लिए 400 फीट लंबा, 300 फीट चौड़ा, 45 से 50 फीट गहरा क्षेत्र तैयार किया गया है। राम भक्त दिसंबर 2023 से अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे।
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