नई दिल्ली। ब्रिटेन(Britain) में ‘प्रियोरिटी’ और ‘सुपर प्रियोरिटी’ वीजा की शुरुआत हो चुकी है. अब भारत सहित 50 शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों (foreign universities) के छात्र भी इसके लिए अप्लाई कर सकेंगे. ब्रिटेन और भारत के मंत्रियों (ministers of india) के साथ बैठक में एक नई उम्मीद दिखाई दी है, आने वाले समय में दुनिया भर के बेहतरीन और प्रतिभाशाली स्नातकों को उनके करियर के लिए आकर्षित करेगा. प्रियोरिटी वीजा सर्विस के लिए 500 पाउंड (47 हजार रुपये) देने होंगे. जबकि सुपर प्रियोरिटी वीजा (super priority visa) के लिए 800 पाउंड (75 हजार रुपये) की फीस रखी गई है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने मंगलवार को इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम ने अब भारतीय छात्रों(Indian students) के लिए प्रायोरिटी और सुपर प्रायोरिटी वीजा उपलब्ध करा दिया है. एलिस ने आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए यूके जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए एक अपडेट में कहा, “ये हाई डिमांड थी. हम आपको आवश्यक दस्तावेज के साथ जल्द से जल्द अपने वीजा के लिए आवेदन करने की सलाह देते हैं.”
उन्होंने ट्विटर पर कहा, “अगर आप चाहते हैं, तो आप प्राथमिकता वाले वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं. ये आपको लगभग पांच दिनों के टर्नअराउंड के साथ मिलता है. या इससे भी जल्दी एक सुपर प्रायोरिटी वीजा है, जो दो दिन में मिल सकता है.” ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा, ‘वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम लगभग 15 दिनों में वीजा अनुरोधों का निपटारा कर रहा है. भारतीय छात्र टैलेंटेड होते हैं. अगर आप यूके आना चाहते हैं, तो अभी आवेदन करें. दस्तावेज़ीकरण ठीक से प्राप्त करें.’
यूके सरकार वेबसाइट के अनुसार, ये निर्णय वीजा प्रोसेस को सुरक्षित करने के लिए हैं. प्रियोरिटी वीजा पांच कार्य दिवसों में वीजा सुनिश्चित करती है. वहीं, ‘सुपर प्रियोरिटी’ सेवा के तहत निर्णय की घोषणा अगले कार्य दिवस के अंत तक की जा सकती है.
वेबसाइट में आगे कहा गया है कि सप्ताह के अंतिम कार्य दिवस या सार्वजनिक अवकाश से ठीक पहले अंतिम कार्य दिवस पर जमा किए गए आवेदन अगले कार्य दिवस के अंत में संग्रह के लिए उपलब्ध होंगे. बता दें कि‘सुपर प्रायोरिटी’ सेवा वैकल्पिक है और इसमें वीज़ा शुल्क के अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है.
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में जारी नवीनतम यूके इमिग्रेशन स्टैटिस्टिक्स डेटा में पिछले वर्ष की तुलना में भारतीयों को दिए गए छात्र वीजा में 89 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई गई है. डेटा में दिखाया गया कि जून 2022 को समाप्त वर्ष में 1.18 लाख वीजा के साथ ब्रिटेन सबसे बड़े राष्ट्रीयता के रूप में चीन से आगे निकल गया है. इस बीच विशेष रूप से अमेरिका और कनाडा से देरी और अस्वीकृति की उच्च संभावना की सूचना मिली है.
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