कोरोना वायरस ने दूसरी लहर में भारत में एक कहर सा मचा दिया था, अब तीसरी लहर को लेकर वेज्ञानिकों की चिंता बढ़ रही है । कोरोना वायरस को लेकर तमाम देश के वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं । अमेरिका (America) में हुए एक अध्ययन में कोविड से संक्रमित व्यक्ति में लंबे समय तक रहने वाले 50 से ज्यादा लक्षणों की पहचान की गई है. इनमें मध्यम से तेज लक्षण भी शामिल हैं। ह्यूस्टन मेथोडिस्ट (Houston Methodist) के अध्ययन में कहा गया है लंबे समय तक कोरोना वायरस संक्रमित लोगों में सबसे ज्यादा थकान, अटेंशन डिर्सोडर (attention disorder), सिर दर्द, बालों का गिरना, सांस की तकलीफ, स्वाद और गंध के जाने की समस्याएं रहती हैं। लेकिन इसके अलावा भी कई लक्षण रहते हैं जो लंबे समय तक इन व्यक्तियों में बरकरार रहेंगे।
कई देशों के लोग अध्ययन में शामिल
अध्ययन के दौरान शोधकर्ता उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि कोरोना से पीड़ित व्यक्ति में बहुत दिनों के बाद न्यूरोलॉजिकल समस्याएं डिमेंशिया, एंजाइटी, ओसीडी आदि देखी गई। यह अध्ययन जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट (journal Scientific Reports)में प्रकाशित हुई है। इस अध्ययन में कोरोना से संक्रमित 47910 लोगों पर लंबे समय तक ध्यान रखा गया और इनकी हेल्थ का विश्लेषण किया गया।
अध्ययन में अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, चीन, मिस्र और मैक्सिकों के लोगों की हेल्थ का विश्लेषण किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी इन लोगों में खांसी, सीने में तकलीफ, सांस लेने में तकलीफ (Decreased pulmonary diffusion capacity), स्लीप एप्निया, फाइब्रोसिस, हार्ट से संबंधित समस्याएं, मायोकार्डिटिस और टिनिटस आदि के लक्षण देखे गए।
कई पैमाने पर जांच की गई
शोधकर्ताओं ने एक्स-रे, सीटी स्कैन, सूजन, एनीमिया, ब्लड क्लॉटिंग, हार्ट टेस्ट, जीवाणु संक्रमण टेस्ट आदि बायोमाकर्स के पैमाने पर इनके डाटा का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि 80 प्रतिशत कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में महीने तक दीर्घकालिक लक्षण देखे गए। शोधकर्ताओं को ऐसे 55 लक्षण दिखे जो कोरोना से ठीक होने के बाद इन लोगों में थे। कुछ में कोरोना के तीव्र लक्षण भी देखे गए।