इंदौर न्यूज़ (Indore News)

650 एकड़ पर बायपास की आवासीय योजना को शासन ने दी मंजूरी

  • लैंड पुलिंग एक्ट के तहत बिचौली हप्सी, कनाडिय़ा और टिगरिया राव में विकसित होगी टीपीएस-9, 150 एकड़ जमीन घटी भी

इंदौर। शासन के नगरीय विकास (urban development) एवं आवास मंत्रालय (ministry of housing) ने इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) की टीपीएस-9 के तहत प्रस्तावित आवासीय योजना (proposed housing scheme) को मंजूरी दे दी है। 261.178 हेक्टेयर यानी लगभग 650 एकड़ पर प्रस्तावित यह योजना बायपास के भिचौली हब्सी, कनाडिय़ा और टिगरिया राव में लागू की गई है। पूर्व में टीपीएस-6 के तहत इस योजना को घोषित किया गया था, मगर लगभग 150 एकड़ जमीन शासन ने कम करवाई और आठ माह तक अनुमति ना देने के चलते योजना ही लैप्स हो गई, जिसके बाद टीपीएस-9 के तहत नए सिरे से योजना तैयार कर बोर्ड मंजूरी के बाद प्राधिकरण ने शासन को भेजा।

अब जल्द ही सुपर कॉरिडोर (super corridor) पर प्रस्तावित टीपीएस-10 को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। लैंड पुलिंग एक्ट (land pulling act) के तहत घोषित की जा रही इन नई योजनाओं में जमीन मालिकों को 50 फीसदी जमीन वापस लौटा दी जाएगी और शेष 50 फीसदी पर प्राधिकरण भूखंडों को विकसित करने के अलावा मास्टर प्लान और अन्य प्रमुख सडक़ों के निर्माण, ग्रीन बेल्ट को विकसित करेगा।


बायपास पर प्राधिकरण ने विगत 20 सालों में बार-बार योजनाएं घोषित की और हर बार जमीन मालिक (land owner) दांव-पेंच दिखाते रहे। पूर्व में बायपास पर योजना 164 घोषित की गई, जो निरस्त हुई, फिर योजना 168 को भी हाईकोर्ट में हार का मुंह देखना पड़ा, जिसके बाद ताबड़तोड़ योजना 175 घोषित की गई, लेकिन लैंड पुलिंग एक्ट के चलते यह योजना भी स्वत: समाप्त हो गई और उसकी जगह टीपीएस-6 को अमल में लाया गया। मगर शासन ने 8 माह तक इस योजना को मंजूरी नहीं दी। जबकि नियम के मुताबिक अगर 7 माह तक मंजूरी नहीं मिलती है तो योजना स्वत: लैप्स हो जाती है।

नतीजतन टीपीएस-6 के लैप्स होने के बाद प्राधिकरण ने शहर की तरफ लगी लगभग 150 एकड़ जमीन छोड़ते हुए टीपीएस-9 को प्रस्तावित किया। पिछले दिनों इस योजना को दावे-आपत्तियों की सुनवाई और अन्य प्रक्रिया के बाद शासन को मंजूरी के लिए भेजा, जिसे अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपसचिव डॉ. सुभाशीष बेनर्जी ने पत्र भेजकर मंजूर किया है। शासन ने अपने इस पत्र में टीपीएस-9 योजना जो कि भिचौली हब्सी, कनाडिय़ा और टिगरिया राव में आवासीय एवं मार्ग उपयोग के लिए प्रस्तावित की गई है उसे मंजूरी दी गई। 261 हेक्टेयर यानी लगभग 650 एकड़ पर मप्र नगर तथा ग्राम निवेश 1973 की धारा 50 (1) के तहत 27.08.2021 को इसका नोटिफिकेशन (Notification) दिया गया था। अब टीपीएस-10 की अनुमति भी जल्द मिल जाएगी।

योजना में हुई जमीनी जादूगरी का खुलासा अग्निबाण ने किया था
बायपास की सारी योजनाओं में जमीनी जादूगरों ने खेल दिखाए, जिनका समय-समय पर अग्निबाण (agniban) ने खुलासा भी किया। टीपीएस-6 के तहत शासन ने लगभग एक हजार करोड़ की जमीन योजना से बाहर करवा दी और 8 माह तक अनुमति रोके रखी, जिसके चलते पुरानी योजना लैप्स हुई और नई संशोधन के बाद टीपीएस-9 के रूप में अब अमल में लाई जा रही है। पश्चिमी क्षेत्र की जमीनों को छोडक़र बायपास के दूसरी तरफ यानी पूर्वी क्षेत्र की जमीनों पर यह योजना अमल में लाई जाएगी।


80 अभिन्यास मंजूर निकले छूटी हुई जमीनों पर
अग्निबाण ने जब टीपीएस-6 में छोड़ी गई जमीनों का खुलासा किया तब नगर तथा ग्राम निवेश से प्राधिकरण ने रिपोर्ट बुलवाई तो पता चला कि कोर्ट आदेश और योजना लागू करने से पहले इन जमीनों पर लगभग 80 अभिन्यास मंजूर हो गए थे। इतना ही नहीं, कई जमीनें गृह निर्माण संस्थाओं के नाम पर भी कबाड़ी गई। अब इसकी जांच कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने शुरू भी करवाई और करतार गृह निर्माण का एक बड़ा घपला सामने भी आया। अब 261 हेक्टेयर पर नई योजना विकसित की जाएगी।

एक दर्जन से ज्यादा गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें भी मिली
टीपीएस-6, जो अब टीपीएस-9 के रूप में लागू की गई है उसकी जांच-पड़ताल में अग्निबाण ने एक दर्जन से अधिक गृह निर्माण संस्थाएं भी पकड़ी, जिनमें करतार गृह निर्माण के अलावा पृथ्वी गृह निर्माण, मंगल, संवाद नगर, पाश्र्वनाथ, प्रशांत गृह निर्माण, जनसेवा, द टैक्सटाइल्स को-ऑपरेटिव, अमित-प्रिया, दीप ज्योति, हिमालय, सुमंगला, श्याम बिहारी, सोनाली गृह निर्माण, गौरव गृह निर्माण, सपना गृह निर्माण व अन्य की जमीनें शामिल है। करतार गृह निर्माण में ही दीपक मद्दे की फर्म समता कंस्ट्रक्शन को बिकी 4 एकड़ जमीन का घपला भी सामने आया। वहीं प्राधिकरण बोर्ड ने इन संस्थाओं की जमीनों को ना छोडऩे का निर्णय भी लिया।

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