इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अपराधों में लिप्त वर्मा बंधुओं के मकानों पर धावा

  • आज तड़के पांच बजे रावजी बाजार पहुंची निगम, प्रशासन और पुलिस की फौज
  • रावजी बाजार में दो मंजिला मकान ढहाया, दुकानों को लेकर व्यापारी पहुंचे अफसरों की शरण में
  • मालीपुरा में भी एक बड़े मकान को खंडहर में बदल डाला
  • अरुण वर्मा के रिश्तेदार गुंडे लक्की वर्मा के मकान के अवैध हिस्सों को ढहाया

इन्दौर। नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की टीम ने फिर से गुंडों के मकान तोडऩे की कार्रवाई आज सुबह 5 बजे से शुरू कर दी। निगम और पुलिस के वाहनों के लवाजमे ने सबसे पहले रावजी बाजार मेनरोड पर बने अरुण वर्मा के करीब 1700 स्क्वेयर फीट के मकान को निशाना बनाया। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अरुण वर्मा पर 8 गंभीर अपराध रावजी बाजार और अन्य थानों में दर्ज हैं। वहां निगम ने कार्रवाई शुरू की तो कुछ व्यापारी निगम अफसरों के पहुंचे और उन्होंने कहा कि तल मंजिल की दुकानें उन्होंने वर्षों पहले वर्मा बंधुओं से खरीदी की थीं। इसको लेकर नोकझोंक होती रही। अफसरों ने उन्हें कहा कि दुकानों पर कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद मकान को पोकलेन के माध्यम से ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान वर्मा परिवार के कुछ सदस्य अफसरों से मकान तोड़े जाने को लेकर बात करने पहुंचे तो नोकझोंक के दौरान भी विवाद बढ़ गया। अफसरों ने सभी को वहां से हटा दिया और कार्रवाई तेजी से शुरू कराई। दो पोकलेन के माध्यम से दो मंजिला मकान को ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई। इसके बाद मालीपुरा में लक्की वर्मा के मकान पर कार्रवाई शुरू की गई। निगम अफसरों के मुताबिक वहां मकान का नक्शा तो स्वीकृत था, लेकिन निर्माण कार्य स्वीकृति के विपरीत कर कई जगह अवैध रूप से बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माण कर लिए थे, जिन्हें पोकलेन की मदद से ढहाया गया। वर्मा परिवार के लक्की वर्मा और मनोहर वर्मा पर भी अलग-अलग थानों में प्रकरण दर्ज हैं। कार्रवाई देखने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्र में लोगों की भीड़ जमा हो गई थी, जिन्हें निगमकर्मियों और पुलिस ने हटाया।

रावजी बाजार क्षेत्र में गुंडे अरुण वर्मा के मकान पर कार्रवाई को लेकर कल से पुलिस और निगम के अफसरों के बीच चर्चा चल रही थी। कल अधिकारियों की टीम वहां दौरा भी कर चुकी थी। आज सुबह निगम, पुलिस और प्रशासन का अमला निगम के अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह, उपायुक्त लता अग्रवाल, निगम अधिकारी अवधेश जैन, बबलू कल्याणे और कृष्णा श्रीवास्तव, परसराम आरोलिया और कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचा। निगम की टीम के कर्मचारियों ने रावजी बाजार मेनरोड पर बने अरुण वर्मा के मकान का निरीक्षण किया, ताकि अगर अंदर कोई सामान रखा हो तो उसे बाहर रखवाया जा सके। अंदर कोई सामान नहीं मिलने के बाद जैसे ही निगम ने कार्रवाई शुरू की तो परिवार के लोग वहां पहुंच गए और निगम अफसरों से मकान तोडऩे के मामले को लेकर बातचीत करने लगे। इसी दौरान बहस होने के चलते अधिकारियों ने वहां से उन्हें हटा दिया और कार्रवाई तेजी से शुरू करने के निर्देश दिए। दो पोकलेन के माध्यम से मकान के ऊपरी हिस्सों को तोडऩे की कार्रवाई शुरू कर दी गई।

जूनी इन्दौर और हाथीपाला के दोनों मार्ग बंद कर शुरू कराई कार्रवाई
आज सुबह नगर निगम की टीम ने रावजी बाजार मेनरोड पर कार्रवाई करने से पहले महल कचहरी रोड से जूनी इन्दौर वाले हिस्से को पूरी तरह बंद करा दिया था। वहीं दूसरी ओर हाथीपाला, जूनी इन्दौर मुक्तिधाम वाले मार्ग को भी बैरिकेड््स लगाकर बंद कर दिया गया था। उक्त मार्ग पर सुबह भी खासा यातायात रहता है, जिसके चलते दोनों मार्ग बंद कराए गए। निगम अधिकारियों के मुताबिक दो पोकलेन की मदद से करीब डेढ़ से दो घंटे के बीच मुख्य मार्ग का मकान पूरी तरह ढहा दिया गया। कार्रवाई के दौरान कई बार नोकझोंक की स्थिति भी बनती रही।

परिवार के लोगों की निगम अफसरों से कई बार हुई नोकझोंक
मनोहर वर्मा के रिश्तेदार लक्की वर्मा के मालीपुरा क्षेत्र स्थित मकान पर भी निगम प्रशासन के दल ने धावा बोला। लक्की पर अलग-अलग थानों में चार प्रकरण दर्ज हैं और वह अरुण वर्मा का रिश्तेदार है। निगम अधिकारी परसराम आरोलिया के मुताबिक मकान का नक्शा स्वीकृत कराया गया था, लेकिन उसके कई हिस्से अवैध रूप से बना लिए गए थे। ओपन स्पेस की जगह निर्माण कार्य कर लिए गए थे और मकान के कई हिस्सों में अवैध रूप से बालकनी के साथ-साथ कई निर्माण किए गए थे, जिन्हें तोडऩे की कार्रवाई पोकलेन के माध्यम से शुरू की गई। निगम टीम ने कार्रवाई के पहले गैस की टंकियां और अन्य सामान घर से बाहर लाकर रख दिया था।

कुछ व्यापारी निगम अफसरों के पास पहुंचे, हमने 17 साल पहले दुकानें खरीदीं
रावजी बाजार मेनरोड पर निगम द्वारा जब कार्रवाई की जा रही थी, उस दौरान कुछ स्क्रैप व्यापारी निगम अफसरों के पास पहुंचे और पूछने लगे कि हमारी दुकानें तो नहीं टूटेंगी। उक्त मकान अरुण वर्मा का है और उसके तल मंजिल के हिस्से में 17 साल पहले व्यापारियों ने दुकानें खरीदने की बात कही तो निगम अफसरों ने कहा कि दुकानों को नहीं तोड़ा जा रहा है, मकान के ऊपरी हिस्से तोड़े जा रहे हैं। इस मकान के कई कमरे वर्मा परिवार ने छात्रों और अन्य लोगों को किराए पर दे रखे थे।

पोकलेन के पंजे से बिल्डिंग के ऊपर लगा टावर हिलने लगा
लक्की वर्मा के मकान पर ऊपरी हिस्से में टेलीकॉम कंपनी का टावर भी लगा हुआ था। इसीलिए निगम के तमाम रिमूवल अधिकारी वहां खड़े रहकर पूरी कार्रवाई का निर्देशन करते रहे, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो, क्योंकि ऊपरी मंजिल के हिस्से में लगे टावर के मामले में पड़ताल कर ली गई थी। पोकलेन का पंजा जैसे ही मकान के अवैध हिस्सों को तोड़ रहा था तो कई बार टावर हिलने लगा, जिसके चलते दो अलग-अलग हिस्सों में पोकलेन लगाकर कार्रवाई शुरू कराई गई और सड़क की ओर निकले बाहरी अवैध हिस्सों को सावधानीपूर्वक ढहा दिया गया।

तारों के जंजाल के कारण कई बार रोकना पड़ी कार्रवाई
मालीपुरा मेनरोड पर लक्की वर्मा के मकान के अवैध हिस्से तोडऩे के लिए निगम के रिमूवलकर्मियों को काफी मशक्कत करना पड़ी, क्योंकि ऊपरी छोर पर कई जगह वर्षों पुराने पीपल के वृक्ष की टहनियां और कहीं बिजली के तारों की लाइनें बाधक बन रही थीं। बिजली के तार पोकलेन के पंजे में उलझ रहे थे, जिससे बार-बार कार्रवाई सुरक्षित स्थानों से करने के लिए पोकलेन हटाना पड़ रही थीं। पूरी सड़क पर बिजली के तारों का जंजाल फैला था।

तड़के 4.30 बजे ही निगम में जमा होने लगे थे रिमूवल कर्मचारी
नगर निगम ने आज एक साथ कई स्थानों पर कार्रवाई की प्लानिंग बनाई और इसी के चलते रिमूवल विभाग के अमले के कर्मचारियों को सुबह 4.30 बजे नगर निगम मुख्यालय बुलाया गया था। सुबह तड़के कर्मचारियों की फौज निगम में जमा होने लग गई थी, वहीं थाना रावजी बाजार पर भी आसपास के कई थानों का पुलिस बल बुलवा लिया गया था। कई पुलिस अधिकारी और अन्य अधिकारी भी वहां जमा हो गए थे।

गुंडे की घर की महिलाओं ने दी परिवार की दुहाई
कार्रवाई के दौरान जब निगम का अमला मौके पर पहुंचा था और पोकलेन को कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया गया, तभी परिवार की कई महिलाएं निगम अफसरों के पास पहुंची और मकान को लेकर चर्चा करते रही। इस दौरान कुछ मोहलत दिए जाने को लेकर दुहाई भी दी, लेकिन निगर निगम के अफसर नही माने और कार्रवाई शुरू कर दी गई। परिवार के कुछ पुरुष भी अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह के पास पहुंचे थे तो उन्होंने सभी को वहां से फटकारकर वहां से रवाना किया।

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