भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

खदानों की आय अब जिले और सरकार के बीच बंटेगी

  • 5 करोड़ तक आय पर सरकार को 0 प्रतिशत तो 25 करोड़ से ज्यादा पर 75 प्रतिशत राशि मिलेगी

भोपाल। राज्य शासन ने खनिज नीति में कई संशोधन किए हैं। नए संशोधन के मुताबिक अब जिलों के लिए बनने वाले जिला खनिज प्रतिष्ठान में सांसद, विधायक के साथ यदि उस जिले से राज्यसभा सांसद भी हैं तो उन्हें भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा खदानों से होने वाली आय का उपयोग जिले और राज्य (अन्य जिले जो प्रभावित हैं) में रेशो के हिसाब से होगा। मप्र जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम-2016 में हुए संशोधन का नोटिफिकेशन भी खनिज साधन विभाग ने जारी कर दिया है। संशोधन के मुताबिक राज्यसभा का सदस्य किसी एक जिले में मंडल सदस्य के रूप में शामिल हो सकता है।
उनके द्वारा चयनित जिले की सूचना खनिज साधन विभाग और कलेक्टर को भी दी जाएगी। यदि किसी जिले का भाग एक से अधिक संसदीय क्षेत्र में आता हो तो उन संसदीय क्षेत्र के लोकसभा सदस्य मंडल के सदस्य होंगे। खनिज संपदाओं से होने वाली आय को लेकर भी अब स्पष्ट किया गया है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा की गई पूरी राशि जिलों में बैंक खातों में ही रखी जाएगी। इसे नियमों के तहत ही खर्च कर इसकी इंट्री को भी सुरक्षित रक्षा जाएगा।


तीन कैटेगरी में बांटी जाएगी खनिज की आय
खनिज विभाग को होने वाली आय को भी तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा। 5 करोड़ तक की आय किसी जिले को होगी तो वह उसका उपयोग खुद ही करेगा। नए नियमों के मुताबिक अब 5 से 25 करोड़ तक के राजस्व में 10-10 करोड़ जिले व राज्य को मिलेंगे। यदि किसी जिले को 200 करोड़ तक का राजस्व मिलता है तो 43.75 करोड़ जिले को और 131.25 करोड़ अन्य जिलों को जहां शासन देना चाहे, दे सकेगा।

ऐसे होगा राशि का उपयोग
अपर सचिव राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक जिला खनिज प्रतिष्ठान जिला स्तर पर प्रोजेक्ट बनाएंगे। यह प्रस्ताव पोर्टल पर संबंधित विभाग को भेजे जाएंगे। राज्य स्तर के संबंधित विभाग द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण, जिले की प्राथमिकता, विभाग में चल रहे कामों में यदि दोहराव नहीं है तो आगे बढ़ाएंगे। विभाग के संचालक संबंधित विभाग की रिपोर्ट के आधार पर राशि का आवंटन करेंगे। एक करोड़ से कम के प्रोजेक्ट के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा दी जाएगी। एक करोड़ से अधिक राशि के प्रोजक्ट संबंधित विभाग को भेजे जाएंगे। बड़े प्रोजेक्ट में विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला खनिज साधन विभाग द्वारा कमेटी को भेजा जाएगा। कमेटी के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे। इसमें अन्य सदस्य खनिज साधन विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव वित्त और प्रमुख सचिव खनिज होंगे।

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