भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

मध्य प्रदेश के सबसे ‘काबिल’ ऑफिसर हैं भोपाल के नए सीपी

  • प्रदेश के चारों महा नगरों में रह चुके हैं तैनात, अब तक की नौकरी के दौरान सिर्फ एक साल रहे हैं पीएचक्यू में

फराज़ शेख
भोपाल। भोपाल के नए पुलिस कमिश्नर 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हरिनारायण चारी मिश्र प्रदेश के सबसे काबिल ऑफिसर हैं। यही कारण है कि प्रदेश के महानगर इंदौर,ग्वालियर और जबलपुर के बाद अब उन्हें भोपाल की कमान सौंपी गई है। अपराधों पर अंकुश लगाने और अधिकारियों से बहतर तालमेल रखने में उन्हें महारत हासिल है। बता दें कि भोपाल के नए कमिश्नर का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। शुरुआती पढ़ाई लिखाई गांव के स्कू ल में हुई है, जहां बोरे पर बैठकर बच्चे पढ़ाई करते थे। आईपीएस बनने से पहले हरिनारायण चारी मिश्र रेलवे में अधिकारी थे। इससे पहले वह यूपी में ट्रेजरी अधिकारी थे।

कौन हैं हरिनारायण चारी मिश्र
हरिनारायण चारी मिश्र इंदौर के पहले पुलिस कमिश्नर हैं। 2003 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। एमपी में उनकी गिनती तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें एमपी कैडर मिला था।

इंदौर में टीआई से पुलिस कमिश्नर तक का सफर पूरा किया
आईपीएस हरिनारायणाचारी मिश्र पहले आइपीएस हैं जिन्होंने इंदौर से बतौर टीआई (प्रशिक्षु) केरियर की शुरुआत की और 16 साल बाद उसी शहर के पुलिस कमिश्नर बन गए। एक ही शहर में एसडीओपी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डीआइजी और आइजी बनने वाले भी इकलौते अफ सर हैं। हरिनारायणाचारी मिश्र वर्ष 2005 में हातोद थाना प्रभारी (प्रशिक्षु) बनकर इंदौर आए थे।


यहां भी रही तैनाती
प्रशिक्षण पूरा होने पर सरकार ने एक साल बाद उन्हें महू का एसडीओपी नियुक्त कर दिया। इसके बाद बालाघाट,खंडवा,जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में बतौर पुलिस अधीक्षक पदस्थ हुए और 5 दिसंबर 2016 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक(एसएसपी) बनकर इंदौर आए। मार्च 2017 में पदोन्नत हो गए और 15 मई 2019 तक बतौर डीआइजी शहर की कमान संभालते रहे। कांग्रेस की सरकार आने के बाद उन्हें पहली बार पीएचक्यू में पदस्थ किया गया। एक साल तक पीएमक्यू में ही तैनात रहे। पूरी नौकरी में केवल यही एक साल है जब उन्हें फील्ड से बाहर नौकरी करनी पड़ी।

सीएम की गुड लिस्ट में हैं शामिल
बालाघाट में तैनाती के दौरान हरिनारायण चारी मिश्र ने बड़े पैमाने पर नक्सल ऑपरेशन चलाए। उनके नाम कई बड़ी सफलताएं रहीं। इसी दौरान वह सीएम की नजरों में आए। उन्हें कई ईनामों से भी नवाजा गया। तब से ही उनकी गिनती सीएम शिवराज सिंह चौहान के चहेते अधिकारियों में की जाने लगी।

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