वर्धा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि आज की कांग्रेस में (In today’s Congress) देशभक्ति की आत्मा (The spirit of Patriotism) दम तोड़ चुकी है (Has Died) । मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा आज जो कांग्रेस हम देख रहे हैं, ये वो कांग्रेस नहीं है जिससे कभी महात्मा गांधी जी जैसे महापुरुष जुड़े थे।आज की कांग्रेस में देशभक्ति की आत्मा दम तोड़ चुकी है।आज की कांग्रेस में नफरत का भूत दाखिल हो गया है।आज कांग्रेस के लोगों की भाषा, उनकी बोली, विदेशी धरती पर जाकर देश को तोड़ने की बात करना, भारतीय संस्कृति और आस्था का अपमान करना इनकी पहचान बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के अमरावती में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क की आधारशिला रखी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “2 दिन पहले ही हम सबने विश्वकर्मा पूजा का उत्सव मनाया है और आज वर्धा की धरती पर हम पीएम विश्वकर्मा योजना की सफलता का उत्सव मना रहे हैं। आज का दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 1932 में आज के ही दिन महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता के खिलाफ अभियान शुरू किया था। ऐसे में विश्वकर्मा योजना के 1 साल पूर्ण होने का ये उत्सव प्रेरणा का ऐसा संगम है जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों को नई ऊर्जा देगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा, ” आज अमरावती में ‘पीएम मित्र पार्क’ की आधारशिला भी रखी गई है। आज का भारत अपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को वैश्विक बाजार में टॉप पर ले जाने के लिए काम कर रहा है। देश का लक्ष्य है – भारत की टेक्सटाइल सेक्टर के हजारों वर्ष पुराने गौरव को पुनर्स्थापित करना। अमरावती का ‘पीएम मित्र पार्क’ इसी दिशा में एक और बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “अगर पिछली सरकारों ने विश्वकर्मा बंधुओं की चिंता की होती तो इस समाज की कितनी बड़ी सेवा होती। लेकिन कांग्रेस और उसके दोस्तों ने एससी/एसटी/ओबीसी को जानबूझकर आगे नहीं बढ़ने दिया। मोदी ने कहा, “विश्वकर्मा योजना की मूल भावना है- सम्मान, सामर्थ्य और समृद्धि ! यानी पारंपरिक हुनर का सम्मान, कारीगरों का सशक्तिकरण और विश्वकर्मा बंधुओं के जीवन में समृद्धि! ये हमारा लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “विश्वकर्मा योजना की एक और विशेषता है। जिस स्केल पर, जिस बड़े पैमाने पर इस योजना के लिए अलग अलग विभाग एकजुट हुए हैं, ये भी अभूतपूर्व है। देश के 700 से ज्यादा जिलें, 2.5 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायत, 5 हजार शहरी स्थानीय निकाय मिलकर इस अभियान को गति दे रहे हैं। एक साल में ही 18 अलग-अलग पेशों के 20 लाख से ज्यादा लोगों को इस योजना से जोड़ा गया। सिर्फ साल भर में ही 8 लाख से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण मिल चुकी है। अकेले महाराष्ट्र में ही 60 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” अब तक 6.5 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं। इससे उनके उत्पादों की क्वालिटी बेहतर हुई है, उनकी उत्पादकता बढ़ी है। इतना ही नहीं, हर लाभार्थी को 15 हजार रुपये का ई-वाउचर दिया जा रहा है। अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक लोन भी मिल रहा है। मुझे खुशी है कि एक साल के भीतर विश्वकर्मा भाई-बहनों को 1,400 करोड़ रुपये का लोन दिया गया है। यानी विश्वकर्मा योजना हर पहलू का ध्यान रख रही है।
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