इंदौर। इंदौर में नए रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट को लेकर कल रेलवे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें बताया गया कि नए रेलवे स्टेशन का काम अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इससे यह साफ हो गया कि सिंहस्थ 2028 के पहले नया स्टेशन तैयार नहीं हो पाएगा, क्योंकि सिंहस्थ 9 अप्रैल से 8 मई 2028 के बीच होने जा रहा है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सिंहस्थ से पहले स्टेशन तैयार नहीं हो पाएगा तो सिंहस्थ में आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी होगी।
सांसद शंकर लालवानी ने इस पर कहा कि सिंहस्थ से पहले स्टेशन की दो मंजिलों को तैयार कर दिया जाएगा, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो। बाकी काम सिंहस्थ के बाद किया जाएगा। एआईसीटीएसएल ऑफिस में हुई इस बैठक में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलवट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर आशीष सिंह सहित विधायक, जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि रीडेवलपमेंट के दौरान चरणबद्ध तरीके से पुराने स्टेशन को तोडऩे के साथ नए हिस्सों का निर्माण किया जाएगा। स्टेशन की इमारत जी प्लस सेवन, यानी आठ मंजिला होगी और सुविधाओं के मामले में एयरपोर्ट जैसी होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए यहां 27 लिफ्ट होंगी और मेट्रो को भी स्टेशन से कनेक्ट किया जाएगा। स्टेशन का काम दो शिफ्ट में 24 घंटे किया जाएगा।
यात्री क्षमता पर भी उठ रहे सवाल
बैठक में बताया गया कि अभी इंदौर से रोजाना 52 जोड़ी ट्रेनों का संचालन होता है। इससे 7500 यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। रेलवे स्टेशन को अगले 50 सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। हालांकि साथ में कहा गया कि नया स्टेशन बनने के बाद यात्री क्षमता बढक़र 10800 हो जाएगी। तो क्या अगले 50 सालों में इंदौर से रोज के 3300 यात्री ही बढ़ेंगे।
बैठक में जिसकी मर्जी में जो आया उसने वैसा सुर गाया…
रेलवे स्टेशन के स्थान पर नया रेलवे स्टेशन बनाने के लिए मंजूर किए गए प्रोजेक्ट के प्रदर्शन की बैठक में जिसके मुंह में जो आया उसने वैसा सुर गुंजाना शुरू कर दिया। एक ने तो स्टेशन के पास में बने हुए गुजराती समाज के स्कूल और कॉलेज को हटाकर पार्किंग तक बनाने का सुझाव दे डाला।
सिटी बस कंपनी के कार्यालय के सभागार में इस बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक की अध्यक्षता नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने की। बैठक में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर आशीष सिंह, निगम आयुक्त शिवम वर्मा, विधायक गोलू शुक्ला, मधु वर्मा, भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा रेलवे अधिकारी एवं अन्य जनप्रतिधि मौजूद थे। जन प्रतिनिधियों ने कई सुझाव दिए। वहीं प्रेजेंटेशन के बाद में जब सुझाव देने की बारी आई तब महारानी रोड व्यापारी एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने यह सुझाव दिया कि स्टेशन पर बड़ी संख्या में आने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए गुजराती समाज के स्कूल कॉलेज को वहां से हटा दिया जाना चाहिए। इस स्थान पर बड़ी पार्किंग का विकास कर दिया जाना चाहिए।
बैठक में बड़ी संख्या में सदस्यों के द्वारा उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ के महापर्व में भाग लेने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के इंदौर आगमन का मुद्दा उठाया गया। इन लोगों का कहना था कि यह श्रद्धालु इंदौर जाकर उज्जैन जाएंगे। ऐसे में इंदौर पर दबाव बहुत ज्यादा होगा। फिर रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण के इस कार्य के कारण कहीं परेशानी का सामना नहीं करना पड़ें। इस पर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों के द्वारा जानकारी दी गई कि रेलवे स्टेशन के मुख्य भवन के नवनिर्माण का जो कार्य किया जाएगा, उसमें यह लक्ष्य रखा गया है कि वर्ष 2027 तक ही ग्राउंड फ्लोर और उसके ऊपर की दो फ्लोर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएं। ऐसे में सिंहस्थ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को इस निर्माण के कारण कोई समस्या नहीं आएगीं। इस बैठक में रेलवे के अधिकारियों के द्वारा अपने प्रेजेंटेशन के दौरान बताया गया कि सियागंज की तरफ रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग सडक़ के ठीक पास में बनी हुई है। इस बिल्डिंग में बीच में पार्किंग का कोई स्थान नहीं है और आसपास दोनों तरफ पार्किंग दी हुई है। अब इस नए प्रोजेक्ट में इस बिल्डिंग को 60 फीट पीछे बनाया जाएगा।
शास्त्री ब्रिज और पटेल ब्रिज को रेलवे बना दें – विजयवर्गीय
मीटिंग में बार-बार सदस्यों के द्वारा यह मुद्दा उठाया गया कि गांधी हाल से चौराहे को जोडऩे वाला शास्त्री ब्रिज और सियागंज से पटेल प्रतिमा को जोडऩे वाला पटेल ब्रिज अपनी उम्र पूरी कर चुका है। इन दोनों ब्रिज की हालत बहुत खराब है। यह ब्रिज नए बनाए जाना चाहिए। इन ब्रिज को वर्तमान से ज्यादा चौड़ाई का बनाते हुए यातायात में सुविधाजनक हो जाए इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए। इस सुझाव पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह दोनों ब्रिज नए बनाए जाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बैठक में मौजूद पश्चिम रेलवे के अधिकारियों से ही कहा कि वह रेलवे स्टेशन के प्रोजेक्ट में इन दोनों ब्रिजों के नवनिर्माण के कार्य को भी जोड़ लें।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved