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हमारे यहां तो खाने की भी किल्लत हो गई है, PM शहबाज शरीफ ने लगाई मदद की गुहार

नई दिल्ली। बाढ़ के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में खाने तक की किल्लत हो गई है। सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे प्रांतों का बड़ा हिस्सा बाढ़ के चलते डूब गया है और पानी निकलने में 3 से 6 महीने का वक्त लग सकता है। इस बाढ़ की वजह से उपजाऊ भूमि का बड़ा हिस्सा भी डूबा है, जिससे खाद्यान्न की पैदावार में भी दिक्कत आ सकती है। फिलहाल अथॉरिटज की ओर से लोगों को खाने, टेंट और अन्य चीजें दी जा रही हैं। लेकिन यह भी कम पड़ रहा है और पाकिस्तान ने दुनिया भर के देशों और संयुक्त राष्ट्र से मदद की मांग की है।

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने रविवार रात को तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैयप अर्दोआन से बातचीत की। उन्होंने इस दौरान तुर्की के राष्ट्रपति को मदद के लिए शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि आपके चलते हम खाद्यान्न संकट से उबर पाए हैं। उन्होंने कहा कि तुर्की ने खाना, टेंट और मेडिसिन 12 मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स से भेजी हैं। इसके अलावा 4 ट्रेनों और ट्रकों के जरिए भी सामान भेजा गया है।

इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी ने कहा कि बाढ़ की वजह से पूरे पाकिस्तान में 3.6 मिलियन एकड़ में बोई गई फसल बर्बाद हो चुकी है। पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक शहबाज शरीफ ने अर्दोआन को बताया कि बचाव अभियान कैसा चल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने तुर्की से मांग की कि खाद्यान्न संकट से निपटने में मदद की जाए। पाकिस्तान में बाढ़ के चलते 6 लाख 60 हजार महिलाएं और बच्चे बेघर हो गए हैं, जिन्हें रिलीफ कैंपों में रखा गया है।


पाकिस्तान में फिलहाल मिलिट्री, यूएन एजेंसियां और लोकल अथॉरिटीज की ओर से मदद मुहैया कराई जा रही है। पाकिस्तान मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर रहता है और कई बार अफगानिस्तान समेत कुछ अन्य देशों को एक्सपोर्ट भी करता है। अब वह खुद दूसरे देशों से गेहूं और सब्जियों के आयात के लिए बात कर रहा है। पाकिस्तान में अभी से ही सब्जियों और खाद्यान्न की कीमतें बढ़ने लगी हैं। आने वाले दिनों में इस संकट में और इजाफा हो सकता है।

बता दें कि बीते सप्ताह ही पाकिस्तान की सरकार ने बताया था कि देश का एक तिहाई हिस्सा बाढ़ में डूबा हुआ है। सिंध और पूर्वी पंजाब के बड़े हिस्से में बाढ़ के चलते खेती भी प्रभावित हुई है। यही इलाके पाकिस्तान के फूड बास्केट के तौर पर जाने जाते हैं। ऐसे में यहां बाढ़ ने विपरीत हालात पैदा कर दिए हैं। अनुमान है कि पाकिस्तान में बाढ़ के चलते 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। हालांकि अथॉरिटीज का कहना है कि यह तो शुरुआती अनुमान है। नुकसान इससे कहीं ज्यादा का हो सकता है। इसी के चलते पाकिस्तान और यूएन ने दुनिया भऱ के देशों से मदद की अपील की है।

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