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1 जुलाई से Take Home Salary में आएगी कमी, लागू होने जा रहा है New Wage code

नई दिल्ली। जुलाई का महीना आते ही एक बार फिर नए वेज कोड (New Wages Code) को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। 1 अप्रैल से नया वेज कोड लागू होना था, लेकिन श्रम मंत्रालय ने इसे टाल दिया। अब इसे जुलाई से लागू किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो नौकरी करने वालों की सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों की Take Home Salary में कमी आ सकती है। सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेज कोड तैयार किए हैं।

ये चार कोड हैं
1- इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड
2- कोड ऑन ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी
3- हेल्‍थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH)
4- सोशल सिक्‍योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज

वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े।


सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा। कर्मचारियों की ‘(Take Home Salary’ घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा। यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा। सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।

लागू करने की डेडलाइन जुलाई
हमारी सहयोगी वेबसाइट Zee Business पर छपी खबर के मुताबिक – EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय का कहना है कि श्रम कानूनों में 4 लेबर कोड शामिल हैं। इन चारों को किस तरह लागू किया जाएगा यह तय होना है। श्रम मंत्रालय जल्द ही चारों कोड के अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी करेगा। जुलाई तक सभी कंपनियों को भी अपने-अपने स्तर पर सॉफ्टवेयर में बदलाव करने होंगे। हालांकि, कोरोना महामारी की जो स्थितियां पिछले महीने तक रही हैं, उससे हो सकता है कंपनियों के पास विंडो कम बची हो। लेकिन, फिलहाल जुलाई की डेडलाइन है।

काम के घंटे, छुट्टियों पर भी असर होगा
विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है। नए नियमों को जुलाई से पहले बदले जाने की संभावना है। श्रम मंत्रालय के लेबर रिफॉर्म सेल के एक अधिकारी के मुताबिक लेबर यूनियन ने PF और सालाना छुट्टियों को लेकर मांग रखी है, यूनियन की मांग है कि Earned leave को 240 से बढ़ाकर 300 कर देना चाहिए।

कंपनियों की सिरदर्दी बढ़ेगी
आपको बता दें कि कर्मचारियों का सीटीसी (CTC) कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। जैसे बेसिक सैलरी, मकान का किराया (HRA), PF, ग्रेच्युटी, LTC और मनोरंजन भत्ता वगैरह। नया वेतन कोड नियम लागू होने पर कंपनियों को यह तय करना होगा कि बेसिक सैलरी को छोड़कर (CTC) में शामिल किए जाने वाले दूसरे फैक्टर 50 परसेंट से ज्यादा न होने पाएं। ये कंपनियों का सिरदर्द बढ़ा सकता है।

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