एनजीटी के आदेश पर बारिश में नदियों से रेत निकालने पर लगेगी रोक…बढ़ेगी कालाबाजारी
इंदौर संतोष मिश्र।
बारिश में रेत (sand) के भाव में जबरदस्त उछाल आएगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि एनजीटी (NGT) के आदेश पर बारिश में नदियों से रेत निकालने पर पूरी तरह से रोक रहती है, क्योंकि उस समय मछलियां अंडा देती हैं और अगर उस दौरान रेत (sand) निकाली जाएगी तो अंडों को नुकसान होगा।
सूत्रों के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) (NGT) द्वारा हर वर्ष बारिश के दिनों में नदियों से रेत (sand) निकालने पर 4 माह तक रोक लगा दी जाती है। इस वर्ष भी रोक लगा दी जाएगी, जो अक्टूबर तक जारी रहेगी। रोक लगाने के कारण नर्मदा नदी (Narmada River) से रेत नहीं निकाली जा सकेगी, जिससे रेत के भाव में जबरदस्त उछाल आएगा। बताया जा रहा है कि बारिश के दिनों में रेत के भाव 70 हजार से 75 हजार प्रति 1000 मीटर की गाड़ी मिलेगी। वर्तमान में रेत के भाव 40 से 45हजार प्रति 1000 मीटर गाड़ी है। रोक लगाने की जानकारी रेत के बड़े व्यापारियों को पहले से ही मिल गई है, इसलिए रेत स्टाक करने में लगे हुए हैं। कोरोना महामारी के बीच चुपके-चुपके रात के अंधेरे में रेत की गाडिय़ां आ रही हैं और बड़े व्यापारियों के गोदामों में उतारी जा रही हैं।
खनिज विभाग की धरपकड़ बंद व्यापारियों की चांदी
कोरोना महामारी (Corona epidemic) को लेकर खनिज विभाग (Department of Minerals) की धरपकड़ भी लंबे समय से बंद है, जिसके कारण रेत कारोबारियों की चांदी हो गई है। प्रतिदिन रात के अंधेरे में नेमावर और होशंगाबाद की ओर से रेत (sand) की बड़ी गाडिय़ां आ रही हैं और व्यापारियों के गोदामों में पहुंच रही हैं। नेमावर रोड स्थित रेत मंडी में तो गिनती की गाडिय़ां आती हैं, जबकि शहर के बायपास, एमआर10 सहित अन्य इलाकों में रेत के गोदाम हैं, जहां रेत उतारी जा रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई व्यापारियों के गोदाम हैं जहां स्टाक किया जा रहा है। व्यापारी जब नदियों से रेत निकालने पर रोक रहेगी तब उसकी कालाबाजारी करेंगे।
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