भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

डेढ़ साल बाद भी नहीं लगा चोरों का सुराग

  • हमीदिया अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी मामले में खात्मा लगाने की तैयारी

भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हमीदिया अस्पताल से बड़ी संख्या में चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है। करीब डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त होने के बावजूद पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है। अब इस मामले में कोर्ट ने पुलिस से 28 नवंबर को मामले में फाइनल रिपोर्ट पेश करने के लिए आदेश दिए हैं। पिछले साल मार्च अप्रैल 2021 में जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही थी। दवाइयों औऱ इंजेक्शन का टोटा पड़ रहा था। कालाबाजारी जोरों पर थी। ठीक उसी दौरान भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया से एक या दो नहीं बल्कि रेमडेसिविर के पूरे 865 इंजेक्शन चोरी होने की खबर ने भूचाल ला दिया था। ये इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल के स्टोर में रखे थे।इस घटना से हड़कंप मच गया था और जमकर सियासत भी हुई थी।


आरोपियों को बचा रही है पुलिस
कोहेफिजा पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की थी। साथ ही इस मामले की जांच भोपाल क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी थी। लेकिन 1 साल के बाद अब पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। इस मामले की पैरवी कर रहे वकील यावर खान का आरोप है पुलिस कई बड़े लोगों को बचाने के लिए इस मामले में खात्मा लगा सकती है। भोपाल जिला कोर्ट में दायर परिवाद में संज्ञान लेकर थाना कोहेफिजा, थाना क्राइम ब्रांच के प्रभारी को पत्र लिखा है। इस मामले में अंतिम रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस के खिलाफ अवमानना का आवेदन भी दिया गया है। इस अवमानना के मामले में भी पुलिस से जवाब तलब किया गया है। पुलिस को 28 नवंबर को इस मामले में कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन पेश करना है।

ये है पूरा मामला
यावर खान का आरोप है हमीदिया अस्पताल के उस आवक जावक रजिस्टर में कुछ बड़े लोगों के नाम दर्ज हैं जिन्होंने अवैध तरीके से रेमडेसीविर इंजेक्शन हासिल किए थे। इसकी वजह से जरूरतमंद लोगों को इंजेक्शन नहीं मिल पाए। कोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीर माना था। इस मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की तरफ से याचिका दायर की गई। उनके वकील यावर खान इसकी पैरवी कर रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी उप निरीक्षक प्रमोद शर्मा ने कोर्ट को दी रिपोर्ट में बताया कि जांच के दौरान रेमडेसीविर इंजेक्शन चोरी होना नहीं पाया। और बताया गया कि इस मामले में खात्मा लगाने की कार्रवाई की जा रही है।

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