ब्‍लॉगर

ये पॉलिटिक्स है प्यारे


अब नहीं बनना सोनू को महामंत्री
भाजपा की नगर कार्यकारिणी बनना है और शहर के हर राजनीतिक गुट से नाम मांगे जा रहे हैं। 4 नंबरी दरबार से जुड़े सोनू राठौर का नाम महामंत्री के लिए सामने आ रहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि सोनू ने पूर्व महापौर मालिनी गौड़ को बता दिया है कि मुझे महामंत्री नहीं बनना है, चुनाव लडऩा है। अब चुनाव लड़कर सोनू दूर का सपना देख रहे हैं कि कहीं चुनाव जीत गए और भाजपा की परिषद बन गई तो फिर भाभी के मार्फत एमआईसी दूर नहीं है। खैर, सोनू भाई अभी तो चुनाव जीतकर बताओ, फिर एमआईसी के सपने देखना।
अध्यक्ष का एक दावेदार स्वत: पीछे हटा
शहर कांग्रेस में विनय बाकलीवाल के साथ-साथ कार्यकारी अध्यक्ष बनने के सपने कुछ नेता देख रहे थे, लेकिन जीतू पटवारी के कंधे पर चढ़कर कार्यकारी अध्यक्ष बनने की जद्दोजहद करने वाले चिंटू चौकसे अचानक पीछे हट गए हैं। वे कहते फिर रहे हैं कि अब उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनना है। अब इसके पीछे वो कारण कुछ बता नहीं रहे हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने मैदान पकडऩा शुरू किया है, उससे इशारा तो कहीं ओर जा रहा है। अब चिंटू दो नंबर में विधायक तो बन नहीं सकते, इसलिए राजनीति की गाड़ी अब उन्होंने कहीं ओर मोड़ ली है।
थोड़ा-बहुत जमा कर लौटा दिए कट्टे
भाजपा की आजीवन सहयोग निधि की राशि अभी तक इकट्ठा नहीं हो पा रही है। पैसा इकट्ठा कर भोपाल पहुंचाना है, लेकिन जिस तरह से बड़े नेता सहयोग नहीं कर रहे हैं, उससे गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है। सांसद समर्थक कुछ युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने पहले खाली कट्टे वापस कर दिए थे। ऊपर से दबाव पड़ा तो फिर से उन्हें कट्टे दिए गए, लेकिन इस बार भी उन्होंने 2-3 हजार रुपए इक_ा कर जमा करवा दिए। वैसे ये नेता पार्टी के आदेश कम सांसद के आदेश को ज्यादा मानते हैं। खैर, पार्टी भी देख रही है कि पार्षद का टिकट लेने तो यहीं आना है।
कार्ड लटकाकर रखते हैं बाकलीवाल..आखिर क्या है राज
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल अपने गले में एक हरा कार्ड लटकाकर रखते हैं। कोई इस कार्ड का राज पूछता है तो कहते हैं ये कार्ड खास है। बताया जा रहा है कि ये कार्ड कोरोना से बचने के लिए लटका रखा है। इससे वायरस नहीं लगता और वह दूर रहता है। कोई पूछता है तो कहते हैं कि ये बाहर से बुलवाया है। अब अगर ऐसा ही कोई कार्ड होता तो पूरी दुनिया के देश ऐसे कार्ड बनवाकर अपने यहां के नागरिकों को पहना चुके होते और कोरोना नहीं फैलता। खैर, कार्ड की महिमा विनय भाई ही जानें। वैसे ऐसा कार्ड अब पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के गले में भी देखने को मिल रहा है।
बुलाए थे 32 और आए 18
पिछले दिनों अहिल्या उत्सव को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी। जाहिर है सुमित्रा महाजन देवी अहिल्या उत्सव समिति की संरक्षक हैं और अब अध्यक्ष भी हैं तो उन्होंने मीटिंग में भाजपा के विधायकों और बड़े नेताओं के साथ करीब 32 लोगों को बुलाया, लेकिन बैठक में 18 लोग ही पहुंचे। उसमें भी कई आराम से आए। ताई मीटिंग में पहले पहुंच चुकी थीं। पहले इसी मीटिंग का सीन कुछ अलग हुआ करता था, जब ताई पॉवर में थीं। ताई की एक आवाज पर ही भाजपाई दौड़े चले आते थे। खैर, इसी को तो पॉलिटिक्स कहते हैं प्यारे।
रानू के चश्मे का नंबर उतरा
वार्ड आरक्षण हो गया है और कई दावेदारों के अरमानों पर पानी फिर गया है। इसी में वार्ड क्रमांक 63 से पार्षद चुनाव लडऩे का सपना देख रहे रानू अग्रवाल के अरमान भी ठंडे हो गए हैं। रानू के बारे में बता दें कि अग्रसेन चौराहे के पास उनकी ऑप्टिकल्स की दुकान है और कई बड़े नेताओं को वे अपने यहां से नजर के चश्मे पहना चुके हैं, लेकिन वार्ड जिस तरह से पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया है, वैसे ही रानू जो चश्मा लगाकर बैठे थे, उसका नंबर अब उतर गया है। अब रानू कह रहे हैं, ठीक है अगली बार देखेंगे। वैसे रानू जिस तरह से क्षेत्र में घूम रहे थे, उससे भाजपा के कुछ नेताओं को खुटका तो हो रहा था।
उमेश की सफाई सबसे अलग
भाजपा के प्रदेश प्रवक्त उमेश शर्मा भी गोगानवमी के दूसरे दिन सफाईकर्मियों की छुट््टी के कारण राजबाड़ा पर चले सफाई अभियान में शामिल हुए। सांसद और विधायक सहित बड़े अधिकारी एक ओर झाडू़ लगा रहे थे और उनके पीछे ही मीडिया लगा हुआ था, लेकिन शर्मा राजबाड़ा के आसपास सफाई करने पहुंचे। उन्होंने अपने साथियों को वहां बुलाया और बताया कि देखो, यहां असली सफाई करने की जरूरत है। राजबाड़ा के सामने की ओर जहां लोहे का स्ट्रक्चर खड़ा है, वहां शराब की बोतलें और ढेर सारा कचरा पड़ा हुआ था। उसे उमेश निकलवाते रहे। दूसरी ओर नेता तब तक झाडू़ निकालकर आगे की ओर रवाना हो गए थे।
जिस गुस्से में कांग्रेस के नेता डीआईजी से मिलकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी पर से प्रकरण हटवाना चाह रहे थे, वह आंदोलन दबता नजर आ रहा है। मौसम में ठंडक हो गई है और उसी तरहकांग्रेसी भी ठंडे हो गए हैं। नहीं तो घोड़े पर इस तरह से सवार होकर आए थे कि आज ही अपनी बात मनवाकर लौटेंगे। वैसे इस मामले में अब कुछ होना नहीं है, क्योंकि कांग्रेसी जानते हैं कि हमने अपनी सरकार रहते जो किया था वो अब हमारे साथ ही होगा।

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