नई दिल्ली। कोरोना(Corona) के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन (Vaccination)एकमात्र हथियार माना जा रहा है, ऐसे में सभी देश ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन(Vaccine) लगाने पर जोर दे रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार(Central Government) अबतक अपने प्राथमिक समूह को वैक्सीन(Vaccine) लगाने के लक्ष्य से बहुत दूर है। इसमें 27 करोड़ वरिष्ठ नागरिक, दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स औऱ एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं।
बता दें कि सरकार के प्राथमिक समूह में 30 करोड़ लोग शामिल हैं, जिन्हें जुलाई तक कोरोना वैक्सीन (Vaccine) की दोनों खुराकें मिलनी थी लेकिन अबतक केवल 10 फीसदी से भी कम लोगों को दोनों डोज(Dose) लगी हैं। 30 करोड़ लोगों में से अबतक तीन करोड़ से भी कम लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई हैं।
इसमें 64,71,385 स्वास्थ्य कर्मचारी, 77,55,283 फ्रंटलाइन वर्कर्स और 1.49,83,217 वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। 45-60 साल की उम्र के बीच के 65,61,851 लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगी है लेकिन ये लोग प्राथमिक समूह में शामिल नहीं थे।
वैक्सीनेशन अभियान को शुरू हुए 114 दिन हो गए हैं। सोमवार को केंद्र सरकार ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी कि देश में अबतक 17 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। सरकार ने दावा किया था कि ये आंकड़ा पार करने में भारत ने तेजी दिखाई, जबकि चीन को ये आंकड़ा पार करने में 119 दिन का समय लगा था और अमेरिका को 115 दिन लगे थे।
हालांकि वैश्विक तौर पर भारत में टीकाकरण की धीमी गति को लेकर चिंताएं जाहिर की गई हैं। लांसेट मेडिकल जर्नल ने अपने एक लेख में जानकारी दी कि भारत ने अबतक अपनी जनसंख्या के दो फीसदी नागरिकों को ही टीका लगाया है, जो बहुत कम है। लांसेट के लेख में कहा गया कि भारत को अपनी वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी होगी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एक मई से वैक्सीनेशन के तीसरे चरण के तहत 18+ के वर्ग वाले 20 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। अभी 55 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगना जरूरी है, अभी तक 0.36 फीसदी लोगों को ही कोविड वैक्सीन लगी है। Share: