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योगेंद्र यादव: “मैं शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं और जिम्मेदारी लेता हूं”


नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के नाम पर देश की राजधानी में कथित किसानों के हुड़दंग, हिंसा और बवाल की कलंकित करने वाली घटनाओं से पूरा देश स्तब्ध है। बवाल के बाद अब किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे नेताओं के सुर भी बदल गए हैं और वे अपने बयानों में हुड़दंगियों से किनारा कर रहे हैं। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा है कि किसानों की ट्रैक्टर परेड में मंगलवार को जो कुछ हुआ, उससे वह ‘शर्मिंदा’ महसूस कर रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी लेते हैं।

यादव ने कहा, ‘प्रदर्शन का हिस्सा होने के नाते मैं, जो चीजें हुईं, उनसे शर्मिंदा महसूस करता हूं और इसके लिए जिम्मेदारी लेता हूं।’ उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘हिंसा किसी भी आंदोलन पर गलत प्रभाव डालती है। मैं इस समय नहीं कह सकता कि यह किसने किया और किसने नहीं किया, लेकिन पहली नजर में ऐसा लगता है कि यह उन लोगों ने किया जिन्हें हमने किसानों के प्रदर्शन से बाहर रखा है।’


योगेंद्र यादव ने कहा, ‘मैंने लगातार अपील की कि हम तय किए गए रूट पर ही चलें और इससे न हटें। यदि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता है, केवल तभी हम जीतने में सफल होंगे।’ गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है।

राजपथ से लालकिला तक हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हुई। किसानों का दो महीने से जारी प्रदर्शन अब तक शांतिपूर्ण रहा था। गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर देश की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया जाता है। हालांकि, इस बार ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और कुछ घोड़ों पर सवार किसान तय समय से दो घंटे पहले बेरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए।

शहर में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई जिस दौरान लोहे और कंक्रीट के बैरियर तोड़ दिए गए और ट्रेलर ट्रकों को पलट दिया गया। इस दौरान सड़कों पर अप्रत्याशित दृश्य देखने को मिले। इनमें से सबसे अभूतपूर्व दृश्य लालकिले पर दिखा जहां प्रदर्शनकारी एक ध्वज-स्तंभ पर चढ़ गए और वहां सिख धर्म का झंडा ‘निशान साहिब’ फहरा दिया जहां पर भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान तिरंगा फहराया जाता है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि दिन में हिंसा के दौरान उसके 86 कर्मी घायल हो गए। वहीं, ट्रैक्टर पलटने से आईटीओ के पास एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।

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