वाशिंगटन। अमेरिका (US) ने सख्ती दिखाते हुए 36 देशों को चेतावनी दी है कि वे अमेरिका यात्रा (America trip) के दौरान जरूरी दस्तावेजों की जांच में पर्याप्त सहयोग और सुधार करें नहीं तो उनपर ट्रैवल बैन लगा दिया जाएगा। ट्रंप प्रशासन ने 36 देशों को यह चेतावनी दी है। इन 36 देशों में से अधिकांश अफ्रीका में हैं।
कितने दिनों की दी मोहलत?
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग ने जिन 36 देशों को चेतावनी जारी की करते हुए कहा है कि नागरिकों पर पूर्ण या आंशिक प्रतिबंध की सिफारिश की जा सकती है। इन देशों को 60 दिनों का समय दिया जाएगा ताकि वे अमेरिका के सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए अमेरिकी आव्रजन नियमों का सख्ती से पालन करें।
क्यों लगेगा ट्रैवल बैन?
यह ट्रैवल बैन उन देशों पर लगाया जा सकता है जो अमेरिका ट्रैवल करनेवाले अपने नागरिकों की पहचान दस्तावेजों की वैधता सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं। साथ ही अपने नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करते या फिर जो आतंकवाद और अमेरिका के विरोध में गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं।
सुरक्षा चिंताओं को लेकर फैसला
दरअसल, यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में घोषित किए गए कड़े आव्रजन नियमों (Immigration Policy) का हिस्सा हैं। इसके तहत पहले भी कुछ देशों के नागरिकों पर ट्रैवल बैन लागू किया जा चुका है। यह बैन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और कुछ देशों द्वारा जरूरी सहयोग नहीं किए जाने पर लगाया गया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इन देशों ने पासपोर्ट सुरक्षा, वीजा जांच और नागरिकों की वापसी में सहयोग नहीं किया।
सिस्टम को बदलना होगा
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने इस बात की पुष्टि की कि प्रशासन चाहता है कि देश पासपोर्ट धारकों के लिए अपनी जांच प्रक्रियाओं में सुधार करें, अमेरिका से निर्वासित अपने नागरिकों को स्वीकार करें और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं कि उनके नागरिक अमेरिका के लिए खतरा न बनें। उन्होंने कहा, “हम एक समय अवधि प्रदान करने पर विचार कर रहे हैं, (जहां अगर देश) उस बिंदु तक नहीं पहुंचते हैं जहां हम उन पर भरोसा कर सकें और उन्हें सिस्टम को बदलना होगा, इसे अपडेट करना होगा, हमें यह विश्वास दिलाने के लिए जो कुछ भी करने की आवश्यकता है वह करना होगा ताकि हम उनकी प्रक्रिया और उनके पास मौजूद जानकारी पर भरोसा कर सकते हैं।”
इन 36 देशों को दी चेतावनी
अंगोला, एंटीगुआ और बारबुडा, बेनिन, भूटान, बुर्किना फासो, कंबोडिया, कैमरून, केप वर्डे, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, जिबूती, डोमिनिका, इथियोपिया, मिस्र, गैबॉन, गाम्बिया, घाना, आइवरी कोस्ट, किर्गिस्तान, लाइबेरिया, मलावी, मॉरिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, साओ टोम और प्रिंसिपे, सेनेगल, दक्षिण सूडान, सीरिया, तंजानिया, टोंगा, तुवालु, युगांडा, वानुअतु, जाम्बिया और जिम्बाब्वे। अगर ये देश 60 दिनों के अंदर अमेरिकी चिंताओं को हल नहीं करते तो उनके नागरिकों को ट्रैवल बैन का सामना करना पड़ सकता है।
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