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यूएनईपी ने जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम को लागू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता किया


नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने सतत विकास के ऊर्जा और पर्यावरणीय आयामों (Energy and Environmental Dimensions) के संबंध में एक पहल ‘माझी वसुंधरा’ (Majhi Vasundhara) अभियान का समर्थन करने के लिए महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए (Signed) हैं।


संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने शनिवार को एक बयान में कहा यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और महाराष्ट्र सरकार के बीच एक नई साझेदारी की शुरूआत है जो जलवायु परिवर्तन संबंधी समस्याओं के निराकरण और अनुकूलन उपायों के कार्यान्वयन में राज्य सरकार का समर्थन करेगी। माझी वसुंधरा’ (शाब्दिक रूप से, मेरी धरती) महाराष्ट्र सरकार के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की एक पहल है। यह नागरिकों को जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रभावों के बारे में सशक्त बनाने और उन्हें वातावरण सुधार की दिशा में एक सचेत प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

महाराष्ट्र के पर्यटन, पर्यावरण और प्रोटोकॉल कैबिनेट मंत्री, आदित्य ठाकरे ने कहा: हमें जल्द से जल्द नेट जीरो तक पहुंचने के सभी संभावित तरीकों पर विचार करना शुरू करना चाहिए। अगले कुछ महीनों में, महाराष्ट सरकार निवेश की संभावनाओं का मूल्यांकन करेगी। हमें इस दिशा में अभी कार्य करना अनिवार्य है।यूएनईपी महाराष्ट्र के सभी शैक्षणिक संस्थानों में यूएनईपी के टाइड टर्नर चैलेंज के माध्यम से युवाओं को प्लास्टिक प्रदूषण और समुद्री कूड़े के बारे में शिक्षित करने में मदद करेगा। इस साझेदारी के तहत, यूएनईपी विभिन्न स्वच्छ ऊर्जा पहलों पर और भारत सरकार के ²ष्टिकोण के अनुरूप कार्बन तटस्थ विकास की रणनीति विकसित करने में महाराष्ट्र सरकार का समर्थन करेगा।

महाराष्ट्र के लिए स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में पहल करने संबंधी इस अभियान का नेतृत्व करने का समय सही है क्योंकि इसकी हालिया अक्षय ऊर्जा नीति एक महत्वपूर्ण कदम है।यूएनईपी की आर्थिक मामलों की निदशक शीला अग्रवाल-खान ने कहा कि यह उद्योग के लिए बदलाव और आने वाले वित्तपोषण के अवसर का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। स्वच्छ ऊर्जा उद्योग के लिए एक अवसर के रूप में बढ़ रही है। यह एक वैश्विक प्रवृत्ति है जिसमें शमिल देश और संगठन न केवल ऊर्जा क्षेत्र में, बल्कि परिवहन, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, भवन और निर्माण, वस्त्र जैसे क्षेत्रों में इसका लाभ उठा रहे हैं।

भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने कहा।सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इस दशक में, हम भारत और महाराष्ट्र सरकार में संयुक्त राष्ट्र देश टीम के सदस्य के रूप में इस कार्यक्रम के बीच सहयोग को देखकर प्रसन्न हैं। यह समुदायों और विशेष रूप से युवा लोगों और उनके पर्यावरण के बीच स्थायी संपर्क को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो जलवायु जागरूकता और हरित मूल्यों को विकसित करने में मदद करेगा।यूएनईपी पर्यावरण पर अग्रणी वैश्विक संगठन है जो पर्यावरण के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करता है। यह राष्ट्रों तथा लोगों को उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रेरित, सूचित और सक्षम करके पर्यावरण की देखभाल करने में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।

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