भागलपुर (Bhagalpur)। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) के छोटे भाई निर्मल चौबे (Nirmal Choubey) का निधन शुक्रवार को भागलपुर के मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल (JLNMCH Hospital) में इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से मृत्यु होने का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक जमकर हंगामा किया। वहीं अधीक्षक ने लिखित में स्वीकारा कि ICU में कोई डॉक्टर नहीं था, हालांकि आनन-फानन में दो डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया।
जानकारी के लिए बता दें कि निर्मल चौबे को हार्ट अटैक की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वे वायुसेना से रिटायर्ड थे। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया तो वे शांत हुए और शव लेकर घर गए। मामले में आईसीयू में ड्यूटी पर तैनात दो डॉक्टरों को अनुपस्थित रहने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निर्मल के बेटे नीतेश चौबे ने बताया कि पिता को शाम चार बजे घर पर ही सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ शुरू हुई। शाम करीब साढ़े चार बजे उन्हें इलाज के लिए पहले इमरजेंसी में डॉ. एमएन झा की यूनिट में भर्ती कराया गया। जहां पर तत्काल कोई डॉक्टर नहीं मिले। बाद में दूसरे डॉक्टर ने निर्मल चौबे की हालत को गंभीर बताते हुए आईसीयू में शिफ्ट कर दिया।
बकौल नीतेश, पिता को भर्ती किया गया तो वहां पर कोई डॉक्टर नहीं थे, जबकि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। यहां तक कि अटेंडेंट को बीपी मशीन क्या होती है, ये भी पता नहीं था। इस दौरान लगातार पिता की तबीयत बिगड़ती रही, लेकिन कोई डॉक्टर इलाज को नहीं पहुंचा। जहां शुक्रवार की शाम करीब छह बजे उनकी मौत हो गई। हंगामे के दौरान इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. महेश कुमार फिर मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास को कोप का सामना करना पड़ा। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और लिखित शिकायत मिलने पर कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
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