
नई दिल्ली। यूपी की सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि हाथरस के बहाने यूपी को जातीय दंगों की आग में जलाने की साजिश रची गयी। रिपोर्ट के मुताबिक एक फर्जी वेबसाइट रातों रात बनायी गयी और इसके ज़रिए जातीय दंगे कराने की साजिश रची गई। इस वेबसाइट पर हजारों लोगों को जोड़ने की बात कही जा रही है, जस्टिस फॉर हाथरस नाम से बनाई गई। दावा है कि इस वेबसाइट में हाथरस को लेकर हिंसा की आग भड़काने के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है सबकुछ विस्तार से बताया गया है।
ये भी पता चला है कि मदद के नाम पर हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग का भी इंतजाम किया जा रहा था। बड़ी खबर ये है कि PFI, SDPI जैसे संगठन जो नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा में शामिल थे उन्हीं संगठनों ने यूपी में भी हिंसा फैलाने के लिए वेबसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई।
‘दंगे भड़काने वाली वेबसाइट’ पर क्या निर्देश दिए गए?
कांग्रेस बोली- नाकामी छुपाने के लिए ऐसी बातें कर रही है सरकार
कांग्रेस ने इस खबर को सरकार की नाकामी बताने का प्रयास बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार इस तरह की खबरों के जरिए अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गैरजिम्मेदार बयानबाजी कर रहे हैं। अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, ”मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हिंसा की साजिश हो रही है। खुद कार्रवाई नहीं कर पा रहे है, अपनी भूमिका पारदर्शी तरीके से नहीं दिखा रहे हैं। कौन उत्तेजक बातें कर रहा है, कौन सभाएम कर रहा है धारा 144 के बावजूद।”
मुख्यमंत्री ने जतायी थी जातीय हिंसा की आशंका
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में कल हुई भीड़ के हंगामे को राज्य सरकार के खिलाफ षड़यंत्र बताया। उन्होंने कहा था कि जिसे विकास अच्छा नहीं लग रहा, वे लोग जातीय और सांप्रदायिक हिंसा भड़काना चाहते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”जिसे विकास अच्छा नहीं लग रहा, वे लोग देश में और प्रदेश में भी जातीय दंगा, सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं, इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा। इस दंगे की आड़ में उनकी रोटियां सेंकने के लिए उनको अवसर मिलेगा, इसलिए नए-नए षड्यंत्र करते रहते हैं।”
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