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मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में उप्र की बड़ी भागीदारी, मिशन 2022 की पूरी तैयारी

-सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश, ओबीसी पर फोकस

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इस विस्तार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश को बड़ी भागीदारी मिली है। यहां से सात मंत्रियों को शपथ दिलाया गया है।

कैबिनेट विस्तार में उप्र के सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को खास तवज्जो दी गई है। साथ ही पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित वर्ग पर विशेष फोकस किया गया है। कुल सात मंत्रियों में चार ओबीसी, दो अनुसूचित जाति और एक ब्राह्मण समुदाय से आते हैं।

इसी तरह क्षेत्रीय संतुलन को बनाये रखने के लिये अवध क्षेत्र से दो सांसद कौशल किशोर और अजय मिश्रा को, गोरखपुर क्षेत्र से पंकज चैधरी को, काशी क्षेत्र से अनुप्रिया पटेल को, ब्रज क्षेत्र से डा0 एसपी सिंह बघेल, बुंदेलखंड से भानु प्रताप वर्मा और रुहेलखंड क्षेत्र से बीएल वर्मा को मंत्री बनाया गया है।

राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि भाजपा और मोदी सरकार ने उप्र विधानसभा चुनाव के चलते जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश की है। ओबीसी के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया गया है।

ये हैं उप्र के सात नये मंत्री

1-अनुप्रिया पटेल
अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल उप्र के मीरजापुर की सांसद हैं। वह वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री थीं। अनुप्रिया पटेल के पिता डा. सोनेलाल पटेल ने अपना दल की स्थापना की थी। सोनेलाल के निधन के बाद अनुप्रिया की माता कृष्णा पटेल अपना दल की अध्यक्ष बनीं। बाद में पारिवारिक विवादों के चलते अनुप्रिया ने मां से अलग होकर अपना दल (एस) का गठन किया। वह पिछड़ा वर्ग के कुर्मी समाज से ताल्लुक रखती हैं। उप्र के कुर्मी समाज में अपना दल की अच्छी पैठ मानी जाती है।

2-कौशल किशोर
कौशल किशोर लखनऊ जिले की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। वह प्रदेश के बड़े दलित नेता हैं और भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
कौशल किशोर पासी समाज से आते हैं। जाटव के बाद उप्र में पासी समाज सबसे बड़ा वोट बैंक है। वह वर्ष 2002 से 2007 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। इस दौरान 2003 से 2004 तक वह प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री भी रहे।

3-पंकज चैधरी
उप्र से मोदी सरकार में मंत्री बने पंकज चैधरी महराजगंज लोकसभा से छठवीं बार सांसद चुने गए हैं। वह गोरखपुर के सभासद और उप महापौर भी रहे हैं। वह कुर्मी समाज से आते हैं।

4- अजय मिश्रा
मोदी कैबिनेट के नये मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी उप्र के लखीमपुर खीरी जिले की खीरी लोकसभा सीट से दो बार के सांसद हैं। उनका लंबे समय से संघ परिवार से जुड़ाव है। अजय मिश्रा की लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सीतापुर, बहराइच समेत कई जिलों में ब्राह्मण मतों पर अच्छी पकड़ है। उन्हें मंत्री बनाने का एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है।

5-एसपी सिंह बघेल
एसपी सिंह बघेल आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से सांसद हैं। इससे पहले वह उप्र की योगी सरकार में भी मंत्री थे। बघेल समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले प्रो. एसपी सिंह को केंद्र में मंत्री बनाकर भाजपा ने आगरा और ब्रज क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण को साधने का प्रयास किया है।

6-भानु प्रताप वर्मा
सभासद से राजनैतिक जीवन की शुरुवात करने वाले भानु प्रताप वर्मा जालौन से भाजपा के साफ सुथरी छवि वाले सांसद हैं। वह पिछड़ी जाति से आते हैं। उन्हें केंद्र में मंत्री बनाकर भाजपा ने बुंदेलखंड क्षेत्र को साधने की कोशिश की है।

7-बीएल वर्मा
मोदी कैबिनेट के नये मंत्री बनवारी लाल वर्मा भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। वह बदायूं में उझानी ब्लाक के ज्योरा पारवाला गांव के रहने वाले हैं। वर्ष 1980 में उन्होंने आरएसएस के खंड कार्यवाह व तहसील प्रमुख के रूप में सामाजिक जीवन के सफर की शुरुआत की थी। मोदी मंत्रिमंडल में उनका चयन रुहेलखंड के साथ ही आगरा मंडल में लोधी वोट बैंक को सहेजने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल उन्हें लोधी समाज के बड़े नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का बेहद करीबी माना जाता है। (एजेंसी, हि.स.)

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