उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

पेशाबघर और टायलेट तो ठीक ढंग से बना नहीं पाए, स्मार्ट शहर क्या बनाएँगे

  • उज्जैन में जो शौचालय बनाएं उनमें पानी नहीं और खराब निर्माण के कारण फर्शियाँ उखड़ गई, बदबू रहती है

उज्जैन। शहर को स्मार्ट बनाने के दावे अनाड़ी अधिकारी कर रहे हैं, जबकि जो शौचालय बनाए गए थे उनमें पानी तक नहीं हैं और पेशाब करने के लिए जो यूरीन की सीट लगाई गई थी वह घुटनों से भी नीचे लगा दी गई है जैसे कि बच्चों के लिए लगाई जाती है..इन हास्यास्पद स्थितियों के बीच शहर स्मार्ट कैसे बनेगा। नगर निगम द्वारा बनाए गए शहर के सभी शौचालय नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अनदेखी के चलते अव्यवस्थाओं के शिकार हो रहे हैं। शौचालयों की नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं की जाती है, वहीं पानी की टंकी किसी में लगी है तो उसमें पानी नहीं है और ज्यादातर में से टंकियाँ गायब हो चुकी है। ऐसे में पानी की सुविधाएँ शौचालयों में ना होने की वजह से नियमित साफ-सफाई नहीं होती है और जिसकी वजह से सभी शौचालय गंदगी और बदबू से सराबोर हो रहे हैं।

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नगर निगम में आलम यह है कि जब भी स्वच्छता अभियान की टीम सर्वे के लिए आती है तभी आनन-फानन में साफ सफाई की व्यवस्था कर दी जाती है और उसके बाद फिर वहीं ढाक के तीन पात। बहरहाल उज्जैन के कई इलाकों से लोगों का कहना है कि नगर निगम ने शौचालय बना दिए हैं लेकिन नियमित साफ-सफाई ना होने की वजह से चारों तरफ गंदगी पसरी रहती है और नगर निगम से कई दिनों तक साफ-सफाई के लिए कोई कर्मचारी नहीं आता है। ऐसे में नगर निगम के उच्च अधिकारियों द्वारा शहर के शौचालयों का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि शौचालयों की वास्तविक स्थिति से वे रूबरू हो सकें तभी इस समस्या का स्थाई निदान हो सकेगा। अपर आयुक्त संजेश गुप्ता ने इस संबंध में बताया कि तमाम लापरवाही और इसके चलते शौचालयों में लगे सामान गायब या चोरी होने की बात भी सही है। संबंधित नगर निगम कर्मचारी से इस संबंध में जानकारी ली गई है। इन सभी के बारे में जानकारी एकत्र करके निगमायुक्त को अवगत कराया जाएगा एवं उचित कार्रवाई की जाएगी।

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