नई दिल्ली। हिन्दू घरों में मुख्य दरवाजे पर भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्ति या तस्वीर लगाने की परंपरा है. वास्तु के अनुसार दरवाजे पर गणेश प्रतिमा (Ganesh Pratima ) का लगाना शुभ माना जाता है, लेकिन इससे जुड़ी हुई कुछ जरूरी बातें जान लेना जरूरी है. आइए जानते हैं कि दरवाजे पर गणेश की प्रतिमा लगाने के क्या नियम होते हैं आइए जानते हैं.
प्रतिमा की दिशा
अगर घर का मुख्य दरवाजा पूर्व या पश्चिम दिशा में हो तो ऐसे दरवाजे पर गणेश प्रतिमा लगाना शुभ नहीं माना जाता है. अगर दरवाजे का मुंह उत्तर या दक्षिण दिशा में हो तो तब ही गणेश जी की मूर्ति दरवाजे पर लगानी चाहिए.
कैसे लगाएं
मुख्य दरवाजे के अंदर की ओर गणेश जी को स्थापित करना चाहिए. प्रतिमा का मुंह अंदर की तरफ होना चाहिए. पश्चिम उत्तर और पूर्वोत्तर दिशा (northeast direction) ज्यादा शुभ मानी जाती है.
कौन सा रंग है सही
गणेश जी की मूर्तियां अलग-अलग रंगों में मिलती हैं ऐसे में वास्तु के हिसाब से अपनी इच्छा के मुताबिक मूर्तियां लगानी चाहिए. घर में तरक्की के लिए सिंदूरी रंग की मूर्ति लगाना चाहिए वहीं, तरक्की के लिए सफेद रंग की मुर्ति लगाना शुभ माना जाता है.
सूंड़ का रखें ध्यान
दरवाजे के बाहर लगाने वाली गणेश मूर्ति की सूंड़ बांयी तरफ मुड़ी हुई होनी चाहिए, दांयी तरफ मुड़ने वाली सूंड़ घर के अंदर तो शुभ होती है, लेकिन दरवाजे के बाहर इस तरह की गणेश प्रतिमा अच्छी नहीं मानी जाती है.
प्रतिमा की मुद्रा
घर के लिए गणेश जी की मूर्ति लेते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह बैठी हुई मुद्रा में हो. खड़ी हुई मुद्रा घर के दरवाजे के बाहर नहीं लगाना चाहिए. वहीं अगर आप ऑफिस या अपने कार्यस्थल के लिए प्रतिमा ले रहे हैं तो खड़ी हुई मुद्रा में ले सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले सलाह जरूर लें. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)
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