चंडीगढ़ (Chandigarh) । भगोड़ा घोषित किए जा चुके खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) पुलिस को चकमा देने के लिए बार-बार चेहरा बदल रहा है। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए उसने अभी तक कई वाहनों का इस्तेमाल किया है। मंगलवार को चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पंजाब के आईजीपी सुखचैन सिंह गिल (IGP Sukhchain Singh Gill) ने कहा कि जिस ब्रेजा कार में अमृतपाल सिंह भागा था उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। उन्होंने कहा, ”अमृतपाल सिंह तीन अन्य लोगों के साथ ब्रीजा कार में मंगल अंबियन गांव के एक गुरुद्वारे में गया। इसके बाद उसने अपना भेष बदल लिया। शर्ट और ट्राउजर पहन कर वहां से बाइक पर निकल गया। ब्रीजा कार में गुरुद्वारे गए तीन लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया है।”
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल (Khalistan supporter Amritpal) सिंह की भागने में मदद करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये लोग शनिवार को पुलिस की कार्रवाई के दौरान कार के जरिये अमृतपाल को जालंधर के नंगल अंबियान गांव स्थित गुरुद्वारे ले गए थे। यहां अमृतपाल शर्ट व पेंट पहनकर अपने तीन साथियों के साथ दो बाइक के जरिये फरार हो गया था। पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने मंगलवार को बताया, गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना, गुरदीप सिंह उर्फ दीपा, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी और गुरभेज सिंह उर्फ भेजा के रूप में हुई है। इन लोगों ने अमृतपाल को भगाने में मदद करने की बात मानी है। इनके पास से .315 बोर की राइफल और एक वॉकी-टॉकी सेट मिला है। कार को भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने अलग-अलग पोशाकों में अमृतपाल की तस्वीरें भी जारी की हैं।
वहीं, अमृतपाल के नेपाल भागने की संभावना को देखते हुए यूएसनगर जिला पुलिस अलर्ट मोड पर है। मंगलवार को पुलिस ने अमृतपाल और उसके चार साथियों के पोस्टर चस्पा करने शुरू कर दिए हैं। ताकि किसी को भी इस संबंध में जानकारी मिलने पर पुलिस को सूचना मिल सके। वहीं सोशल मीडिया ग्रुपों में भी यह पोस्टर शेयर कर लोगों से कोई भी जानकारी मिलने पर पुलिस को सूचना देने की अपील की जा रही है। खटीमा से लगती नेपाल सीमा के खुला होने के चलते पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। वहीं जिले भर में पुलिस यूपी बॉर्डर के क्षेत्र में रात-दिन सघन चेकिंग कर रही है। जसपुर से लेकर खटीमा तक पुलिस अलर्ट है।
रुद्रपुर में बिलासपुर बॉर्डर पर रुद्रपुर पुलिस चेकिंग अभियान चला रही है। यूपी की ओर से आने वाले वाहनों की जांच की जा रही है। वहीं पुलभट्टा पुलिस ने यूपी बॉर्डर पर वाहन रोककर सघनता से चेकिंग अभियान चलाया। पुलभट्टा थाना इंचार्ज कमलेश भट्ट की अगुवाई में पुलिस कर्मियों ने बॉर्डर पर जाने वाले वाहनों की गहनता से तलाशी ली। सोशल मीडिया में भी अमृतपाल समर्थकों को चिह्नित किया जा रहा है। भट्ट ने बताया कि तलाशी अभियान आगे भी जारी रहेगा। काशीपुर के सूर्या और पैगा बॉर्डर, बाजपुर के दोराहा बॉर्डर तथा जसपुर के धर्मपुर बॉर्डर में बाहर से आने वाले प्रत्येक वाहन को जांचा जा रहा है। सोशल मीडिया में अमृतपाल के समर्थन में आ रही पोस्ट को लाइक व शेयर करने वाले लोगों को भी चिह्नित किया जा रहा है। कुंडा थाना क्षेत्र में 20 लोगों को चिह्नित कर उन्हें समझाकर और लिखित माफीनामा लेकर घर भेज दिया गया है। इस प्रकार की पुनरावृति होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
कभी मर्सिडीज तो कभी मारुति, बाइक का भी इस्तेमाल
अमृतपाल सिंह भागते वक्त कुछ सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया। वह पहले मर्सिडीज में सवार हुआ और फिर मारुति की ब्रेजा कार में बैठा। आखिरी में उसे मोटरसाइकिल पर सवार होकर जाते हुए देखा जा सकता है। पुलिस शनिवार को जब अमृतपाल के पीछे पड़ी तो वह मर्सिडीज की एसयूवी कार में सवार था। इसके बाद उसने एसयूवी कार को शाहकोट में सड़क के किनारे खड़ा कर दिया। कुछ घंटों बाद वह मारुति की ब्रेजा कार में सवार दिखा। जालंधर के एक टोल बूथ पर उसे ब्रेजा कार की अगली सीट पर बैठा हुआ देखा जा सकता है। इसमें वह कार के अंदर कपड़े बदलता दिख रहा है। उसने नीली रंग की पगड़ी की जगह गुलाबी रंग की पगड़ी पहनी। एक अन्य फुटेज में उसे कार से बाहर निकलते हुए और अपने तीन साथियों के साथ दो बाइकों के जरिये भागते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, पुलिस का मानना है कि उसने जालंधर के एक गांव के गुरुद्वारा में कपड़े बदले थे।
अमृतपाल के चाचा समेत तीन को डिब्रूगढ़ जेल भेजा
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह समेत उसके तीन और साथियों को असम की उच्च सुरक्षा वाली डिब्रूगढ़ जेल में बंद कर दिया गया है। तीनों को मंगलवार तड़के यहां लाया गया। इन लोगों को मिला कर अमृतपाल के ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े कुल सात सदस्यों को डिब्रूगढ़ लाया जा चुका है। असम के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, वारिस पंजाब दे के सदस्यों हरजीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल और गुरिंदर पाल सिंह को दिल्ली से एक विमान से यहां लाया गया। इसके बाद इन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार ले जाया गया। वारिस पंजाब दे के खातों को संभालने में अमृतपाल की मदद करने वाला हरजीत उन पांच लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ रासुका लगाया गया है। इससे पहले रविवार को वारिस पंजाब दे के चार सदस्यों को डिब्रूगढ़ जेल लाया गया था। इनमें दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और ‘प्रधानमंत्री’ बाजेका शामिल है।
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