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ग्राम प्रधान हत्या: इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी निलंबित, मुआवजे का ऐलान

आजमगढ़। जनपद के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव में शुक्रवार की शाम ग्राम प्रधान को घर से बुलाकर बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

घटना को सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तरवा थाने के प्रभारी निरीक्षक व रासेपुर बोंगरियां के चौकी इंजार्च को निलंबित कर दिया गया है व मृतक परिजनों को 5-5 लाख व दलित होने के कारण पीएम के बाद सवा चार लाख रूपये मुआवजे का ऐलान किया गया है।

घटना की जानकारी होने डीआईजी विजय कुमार, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, डीएम राजेश कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रो. त्रिवेणी सिंह मौके पर पहुंचे। करीब चार घंटे की हिंसा और उपद्रव के बाद पुलिस ने किसी तरह से ग्रामीणों को खदेड़ने के बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव निवासी सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू 42 पुत्र रामसुख राम गांव के प्रधान हैं। परिजनों के मुताबिक मनरेगा के तहत गांव में कुछ दिन पूर्व खोदवाए गए पोखरे को लेकर ग्राम प्रधान का कुछ लोगों से विवाद चल रहा था। शुक्रवार की शाम लगभग 6-6.30 बजे गांव का ही एक व्यक्ति किसी को भेजकर ग्राम प्रधान को गांव के श्रीकृष्ण पीजी कालेज के पीछे स्थित पोखरे पर बुलाया। वह जब पोखरे पर पहुंचे तो हमलावरों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। सरेशाम हुई हत्या से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कथित हमलावरों के घर को घेर लिया।

घटना की जानकारी होने पर तरवां थानाध्यक्ष मंजय सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। इसी भगदड़ में एक वाहन की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गयी। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस वाहन से कुचलकर बच्चे की मौत का आरोप लगाते हुए हंगामा और तेज कर दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने रासेपुर बोंगरिया पुलिस चौकी में तोड़फोड़ करने के साथ ही आग के हवाले कर दिया।

इस दौरान कई वाहनों में आग लगा दी गयी। सूचना के बाद डीआईजी विजय कुमार, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, डीएम राजेश कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रो0 त्रिवेणी सिंह मौके सिंह दर्जनों थाने की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन रात के अंधेरें में ग्रामीणों के सामने पुलिस बेबस नजर आयी। अधिकारियों ने लोगों को समझाकर मामले को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गयी और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस चौकी रासेपुर बोंगरिया में तोड़फोड़ के साथ आग के हवाले कर दिया। स्थिति गंभीर होने पर मौके पर पीएसी बुलाई गयी। देर रात किसी तरह से पुलिस और पीएसी ने हालत पर काबू पाया। अधिकारियों ने किसी तहर से परिजनों को किनारे लाकर बातचीत की। जिसके बाद ग्राम प्रधान और बच्चे के शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया और पोस्टामार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा।

घटना की जानकारी सीएम के संज्ञान में आने के बाद तरंवा थाने के इंस्पेक्टर और चैकी प्रभारी रासेपुर बोंगरियां को निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक प्रो0 त्रिवेणी सिंह ने बताया कि अभी मृतक परिजनों की तरफ से एफआईआर आनी बाकी है लेकिन इस घटना में चार लोगों के नाम प्रकाश में आये हैं। पुलिस की चार टीमें गठित कर संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। एक बच्चा भगदड़ में मर गया है जिसकी भी जांच के आदेश दे दिये गये है कि बच्चे की मौत कैसे हुई है। ध्यक्ष और चैकी प्रभरी रासेपुर बोंगरिया को निलंबित कर दिया गया है।

बता कि घटना में शामिल जिन चार लोगों के नाम प्रकाश में आये हैं उनके खिलाफ 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया गया है। इनके खिलाफ गैगेस्टर और एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही है। अगले 24 घंटे के अदंर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

वहीं मंडलायुक्त विजय विश्वास ने बताया कि ग्राम प्रधान और बच्चे की मृत्यु पर शासन की तरफ से 5-5 लाख और दोनों दलित समुदाय से जुड़े है इसलिए पीएम के बाद सवा चार-सवा चार लाख रूपये की सहायता दी जायेगी।

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