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Manipur में फिर भड़की हिंसा, बिष्णुपुर जिले में दो गुटों के बीच गोलीबारी, घर-स्कूल जलाए

इंफाल (Imphal)। मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) रुकने का नाम नहीं ले रही है। बिष्णुपुर जिले (Bishnupur district) में शनिवार देर शाम दो समूहों के बीच गोलीबारी (firing between two warring groups) शुरू हो गई। महिलाओं ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुकी समुदाय के सौ से अधिक लोगों ने बिष्णुपुर जिले की ट्रोबुंग ग्राम पंचायत (Trobung Gram Panchayat) में मैतेई समुदाय के कुछ घर और एक स्कूल जला दिया। सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर हालात पर नियंत्रण किया। कुंबी से भाजपा विधायक सनासम प्रेमचंद्र सिंह ने बताया, ये सभी चुराचांदपुर जिले से आए थे और अचानक हमला बोल दिया।

मणिपुर में 80 से अधिक दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो सामने आया था। जिसने पूरे देश को दहला दिया है। महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और सामूहिक दुष्कर्म के मामले पुलिस ने शनिवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें एक की उम्र 19 साल और दूसरा जुवेनाइल है। अब तक इस मामले में कुछ छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इससे पहले पुलिस ने 20 जुलाई को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।


सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के एक और मामले में केस
एक अलग घटना में आदिवासी महिला ने सैकुल थाने में मामला दर्ज कराया है कि चार मई को उसकी 21 वर्षीय बेटी और 24 साल की सहेली के साथ भी भीड़ ने घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म किया और निर्मम हत्या कर दी।

चुराचांदपुर से हुई थी हिंसा की शुरुआत
मणिपुर में तीन मई को हिंसा की शुरुआत चुराचांदपुर जिले से हुई थी, जो राज्य की राजधानी इंफाल के दक्षिण में करीब 63 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जिले में कुकी आदिवासी ज्यादा हैं। गवर्नमेंट लैंड सर्वे के विरोध में 28 अप्रैल को द इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचंदपुर में आठ घंटे बंद का एलान किया था। देखते ही देखते इस बंद ने हिंसक रूप ले लिया। उसी रात तुइबोंग एरिया में उपद्रवियों ने वन विभाग के ऑफिस को आग के हवाले कर दिया। 27-28 अप्रैल की हिंसा में मुख्य तौर पर पुलिस और कुकी आदिवासी आमने-सामने थे।

मिजोरम ने मैतेई लोगों को सुरक्षा का दिया आश्वासन
वहीं, मिजोरम सरकार ने शनिवार को राज्य में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा। मैतेई लोगों के राज्य से पलायन करने की खबरों के बीच सरकार ने यह आश्वासन दिया। दरअसल, एक संगठन ने मणिपुर में दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद मैतेई लोगों को राज्य छोड़ने के लिए कहा था। एक बयान में कहा गया कि इसके बाद राज्य के गृह आयुक्त और सचिव एच. लालेंगमाविया ने मैतेई समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया।

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