भोपाल। प्रदेश के बचे हुए 19 नगरीय निकायों में 20 जनवरी को मतदान है। इन चुनावों को विधानसभा चुनाव का ट्रायल माना जा रहा है। शायद यही वजह है कि भाजपा ने इन निकायों में प्रचार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट सहित कई मंत्रियों और पदाधिकारियों ने प्रचार कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की। इस बार आम आदमी पार्टी भी कई जगह मैदान में है और दोनों पार्टियों में पार्षदों के समीकरण बिगाड़ सकती है। गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 200 सीटें जीतने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी को बड़ी जीत की जरूरत है। इसके लिए भाजपा पिछले कुछ सालों से तैयारी कर रही है। भाजपा की इन तैयारियों की अग्रिपरीक्षा प्रदेश में हो रहे 19 नगरीय निकाय चुनावों में होगी। इसलिए 19 निकायों के चुनाव को विधानसभा चुनाव का ट्रायल माना जा रहा है। प्रदेश के धामनोद, पीथमपुर, बड़वानी, ओंकारेश्वर, सेंधवा, धार, मनावर, खेतिया, राजगढ़ (धार), जैतहारी, डही, सरदारपुर, कुक्षी, विजयपुर, धरमपुरी, अंजड़, पानसेमल, राजपुर और परसूद में चुनाव कराए जा रहे हैं। इसके लिए आयोग ने पूरी तैयार कर ली है।
विस चुनाव से पहले आखिरी चुनाव
गौरतलब है कि मप्र में एक बार फिर 19 नगरीय निकायों में 20 जनवरी को वोटिंग होनी है। विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में ये आखिरी चुनाव हैं। ऐसे में इनके परिणाम काफी अहम होने वाले हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने कमर कस ली है। इनकी कोशिश है कि इन 19 निकायों में विधानसभा चुनाव कर ट्रायल कर लिया जाए। इन चुनावों में प्रदेश की 19 निकायों के 343 वार्ड के लिए 720 मतदान केंद्र में वोटिंग कराई जाएगी। इसमें पुरूष मतदाता 2 लाख 60 हजार 301, महिला मतदाता 2 लाख 46 हजार 969 और 38 अन्य मतदाता शामिल होंगे।
भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
प्रदेश के 19 निकायों में हो रहे चुनाव की अहमियत भाजपा भलिभांति जानती है। इसलिए 20 जनवरी को होने वाले चुनावों को लेकर भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। इनके चुनावी नतीजों से भाजपा अपनी आगामी रणनीति तय करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री अजय जामवाल जैसे संगठन के दिग्गज पदाधिकारी भी मैदानी स्तर पर चाक-चौबंद तैयारियों में जुटे रहे। इन निकायों में अनूपपुर, बड़वानी और धार जैसे आदिवासी जिले भी शामिल हैं। प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले आदिवासी अंचलों के इन 19 निकायों के चुनाव में भाजपा जीत सुनिश्चित करने हर संभव जतन कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को आदिवासी बहुल सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस वजह से इस बार निकायों के तीसरे चरण के नतीजों का मैसेज अगले चुनावों को भी प्रभावित करेगा। इसलिए भाजपा ने अनूपपुर, खंडवा, बड़वानी और धार जिले की नगर परिषद और चुनाव वाली नगर पालिका क्षेत्रों में संगठन के आदिवासी नेताओं की ड्यूटी लगाई है। क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल भी दो दिन तक इन जिलों में घूमकर मैदानी कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए और संगठन की कसावट पर जोर दिया। पदाधिकारियों के साथ बैठकों में उन्होंने स्पष्ट तौर पर यही संदेश दिया कि राघोगढ़ की विजयनगर, ओंकारेश्वर, बड़वानी, सेंधवा, धार के मनावर, पीथमपुर और पानसेमल, हरसूद व राजपुर- अंजड़ जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में कोई रिस्क नहीं ले सकते।
इन निकायों के नतीजे आदिवासी अंचलों के रुझान बताएंगे। इसलिए अगले चुनाव के लिहाज से इन चुनावों में पूरी ताकत लगाएं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शर्मा और मुख्यमंत्री चौहान इन क्षेत्रों में एक फेरी लगा चुके हैं। संभाग और जिलों के प्रभारियों के अलावा संबंधित क्षेत्र के मंत्री प्रभारी मंत्रियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।