नई दिल्ली। एक विश्लेषण में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन(Climate change) पर COP26 सम्मेलन में देशों के संकल्प के
बावजूद धरती का तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस (increase temperature) तक बढ़ेगा. क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर climate action tracker (CAT) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सम्मेलन में विभिन्न देशों द्वारा निर्धारित 1.5 डिग्री सेल्सियस की बजाए धरती का तापमान 2.4 डिग्री (Earth’s temperature will increase by 2.4 degrees) तक बढ़ेगा. CAT ने कहा है कि COP26 की कथनी और करनी काफी बड़ा अंतर है. CAT की तरफ से साफ कहा गया है कि अगर देशों को धरती का तापमान बढ़ने से रोकना है तो और अधिक प्रयास करने होंगे.
बता दे कि क्लाइमेट चेंज की रफ्तार को कम करने लिए COP26 को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. CAT की रिपोर्ट कहती है कि 2030 में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन इतना रहेगा जिससे धरती का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म हो सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने के रोककर बड़ी त्रासदी को टाला जा सकता है.
संकल्प पर देशों ने नहीं किया काम
COP के 2015 में हुए सम्मेलन में प्लान तैयार किया गया था कि अगर दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचाना है तो तापमान को सन 2100 तक 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने से रोकना होगा. देशों ने इस दिशा में कई संकल्प भी लिए थे. लेकिन CAT ने देशों के संकल्पों और उनके वास्तविक क्रियाकलापों का विश्लेषण किया है. CAT का कहना है कि देशों ने वैसे प्रयास नहीं किए जितना उन्होंने वादा किया था. विश्लेषण में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति के मुताबिक दुनिया का तापमान सन 2100 तक 2.7 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है.
देशों ने लिए हैं नेट जीरो के संकल्प
क्लाइमेट चेंज को लेकर दुनिया के 140 देशों ने ग्रीन हाउस गैसों के नेट जीरो उत्सर्जन का उपलक्ष्य रखा है. देशों ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम कर वायुमंडल में इन गैसों का संतुलन स्थापित करने का संकल्प लिया है. पेरिस समझौते के समय केवल कुछ ही देशों ने इस तरह के संकल्प लिए थे. पिछले पांच सालों में ऐसे देशों की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसमें चीन और अमेरिका जैसे देश भी शामिल हैं. इन 140 देशों में विश्व का 90 प्रतिशत उत्सर्जन होता है. लेकिन सीएटी को देशों के इन दावों को लेकर भी शंका है.
सम्मेलन के दौरान दुनिया के नेताओं को आगाह कर चुकी है भारतीय लड़की
COP26 सम्मेलन में एक 14 साल की भारतीय लड़की का भाषण खूब चर्चा में रहा है. तमिलनाडु की विनिशा उमाशंकर ने क्लाइमेंट चेंज पर दुनिया को आईना दिखाया. विनिशा ने कहा था कि उसकी पीढ़ी मौजूदा वर्ल्ड लीडर्स ने नाराज और निराश है. क्योंकि दुनिया के नेताओं ने पर्यावरण पर खोखले वादे किए. ‘अर्थशॉट प्राइज’ की फाइनलिस्ट रहीं विनिशा उमाशंकर को प्रिंस विलियम ने क्लाइमेट समिट में बुलाया था. विनिशा ने कहा कि अब बातचीत का नहीं, बल्कि भविष्य के लिए कदम उठाने का वक्त है.