शिलांग। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) से हनीमून मनाने आए दंपति ने लापता होने से 12 घंटे पहले क्या-क्या किया, स्थानीय लोगों ने इस बारे में बताया। पुलिस ने पूर्वी खासी हिल्स (East Khasi Hills) के नोंग्रियाट गांव में डबल-डेकर लिविंग रूट ब्रिज की यात्रा के दौरान दंपति द्वारा बिताए गए 12 घंटों के बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी ली और उनके बयान दर्ज किए।
इंदौर का नवविवाहित जोड़ा (Newly married couple) राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी (Raja Raghuvanshi and his wife Sonam Raghuvanshi) 23 मई को लापता होने से पहले मेघालय में अपने हनीमून के दौरान कुछ इलाकों में घूमने गए थे। राजा रघुवंशी का शव 2 जून को एक खाई में मिला था। पुलिस और एनडीआरएफ सहित कई टीमें सोनम की तलाश कर रही हैं। सोनम के परिवार ने कहा है कि उनका मानना है कि उसका अपहरण कर लिया गया है। उन्होंने उसे ढूंढ़ने की उम्मीद नहीं खोई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह जोड़ा 21 मई को मेघालय की राजधानी शिलांग में एक गेस्ट हाउस में ठहरा। अगले दिन उन्होंने एक स्कूटी किराए पर ली और लोकप्रिय पर्यटक स्थल सोहरा (चेरापूंजी) की ओर चल पड़े। पूर्वी खासी हिल्स के मावलखियात गांव में पहुंचने के बाद उन्होंने स्कूटी को स्थानीय समुदाय द्वारा पर्यटकों के लिए चलाए जा रहे पार्किंग स्थल में खड़ा कर दिया। उसी जिले के नोंग्रियात गांव में एक होमस्टे तक जाने के लिए एक स्थानीय गाइड हायर किया।
मावलखियात से नोंग्रियात तक की यात्रा पर उन्हें ले जाने वाले गाइड ने बताया कि इसमें करीब तीन घंटे लगते हैं और करीब 3000 सीढ़ियां उतरनी पड़ती हैं। गाइड भाकुपर वानशाई ने बताया कि दंपति ने हमें 22 मई को फोन किया था। उस समय दोपहर के साढ़े तीन बजे थे। मैंने उन्हें नोंग्रियात तक गाइड करने का फैसला किया। उन्हें शिपारा होमस्टे पर छोड़ने के बाद हम वहां से निकल पड़े। उन्होंने बताया कि एक अन्य गाइड अल्बर्ट पीडी भी उनके साथ थे।
वानशाई ने कहा कि हमने अगले दिन 23 मई के लिए अपनी सेवा की पेशकश की, लेकिन दंपति ने यह कहते हुए मना कर दिया कि उन्हें रास्ता पता है। वानशाई ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि सोनम ने उनसे ज्यादातर बातचीत अंग्रेजी में की। होमस्टे चलाने वाली महिला ने बताया कि दंपति और दो गाइड शाम साढ़े पांच बजे नोंग्रियाट गांव में शिपारा होमस्टे पहुंचे।
होमस्टे की मालकिन सिआंटी सोखलेट ने बताया कि 22 मई को दो मेहमान यहां (शिपारा होमस्टे) ठहरने आए थे। वे गाइड के साथ आए थे। मुझे सही समय याद नहीं है। मुझे लगता है कि शाम के करीब 5 बजे थे। जब वे यहां पहुंचे तो मैंने उन्हें कमरा दिखाया और वे ठहरने के लिए राजी हो गए। जब हम यहां बैठे थे तो उन्होंने कमरे के किराए और गाइड की फीस के बारे में पूछा। साथ ही पूछा कि भुगतान कब करना है। इस पर मैंने कहा कि आज ही करना है।
उन्होंने कहा कि जोड़े ने अगले दिन के लिए गाइड की सेवा लेने से मना कर दिया। मैंने पैसे लिए और उनसे रजिस्टर में साइन करने को कहा और उन्हें उनका कमरा दिखाया। उन्होंने चेक इन किया और कमरे को बंद करने के बाद लिविंग रूट ब्रिज देखने चले गए। वे थोड़ी देर बाद वापस आए। तब तक अंधेरा हो चुका था। हमने खाना तैयार किया और उसे उनके कमरे में ले गए। उन्होंने रात का खाना खाया और फिर सो गए। शिपारा होमस्टे नोंग्रियाट में डबल-डेकर लिविंग रूट ब्रिज के करीब स्थित है।
होमस्टे की मालकिन सोखलेट ने कहा कि अगली सुबह मैं लगभग साढ़े पांच बजे उठी। दंपति ने कहा कि वे जल्दी चेक आउट करेंगे। मैंने पूछा कि क्या वे नाश्ता करना चाहेंगे। यह कहते हुए कि अभी बहुत जल्दी है और उन्हें भूख नहीं है, उन्होंने नाश्ते के लिए मना कर दिया। सोखलेट ने कहा कि उन्होंने रात के खाने का भुगतान किया और रजिस्टर से साइन आउट कर दिया। मैंने पूछा कि क्या उन्हें रास्ता याद है। उन्होंने सीढ़ियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि याद है।
यह जोड़ा 23 मई को सुबह 6 बजे होमस्टे से निकला। इस जोड़े को देखने वाला आखिरी आदमी गाइड अल्बर्ट पीडी था। पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने सुबह 10 बजे इस जोड़े को मावलखियात गांव की ओर सीढ़ियां चढ़ते हुए देखा था। साथ में तीन आदमी थे, जिन्हें वह पर्यटक मान रहा था। इसके बाद यह जोड़ा लापता हो गया।
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