नई दिल्ली । पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर (General Asim Munir) की हरकतों, साजिशों ने उसके मुल्क को भारत के साथ युद्ध में झोंक दिया है। नियुक्ति के बाद से लगातार ही असीम मुनीर ने सेना पर तो अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, साथ ही विरोधियों को हटाकर उनकी जगह अपने वफादारों को नियुक्त कर दिया है। चलिए जानते हैं पाकिस्तान में आर्मी चीफ से ज्यादा बड़ी हैसियत रखने वाला मुनीर आखिर कितना पढ़ा-लिखा है।
मुनीर ने कहां से हासिल की तालीम?
सैयद असीम मुनीर अहमद शाह का जन्म रावलपिंडी में हुआ था। उनके पिता सैयद सरवर मुनीर स्कूल में पढ़ाते थे। असीम का परिवार भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद जलंधर से पलायन कर गया था। एक स्थानीय मस्जिद में शुक्रवार को उपदेश देने वाले इमाम के रूप में भी काम करते थे। मुनीर की शुरुआती तालीम रावलपिंडी में मरकजी मदरसा दार-उल-तजवीद से हुई। इसके बाद असीम ने हाफ़िज़-ए-कुरान की उपाधि हासिल की, जो कुरान की सभी आयतें पूरी तरह याद करने के कारण मिलती है।
कब और कैसे हुई पाकिस्तानी सेना में एंट्री?
मुनीर ने पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी में एडमिशन न लेकर 1986 में मंगला में ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल (Officers Training School) के जरिए सर्विस जॉइन की। बेस्ट परफॉर्मिंग कैडेट के तौर पर मुनीर को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया। असीम की पहली पोस्टिंग फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट की 23वीं बटालियन में हुई, जो एक इंफ्रेंट्री यूनिट है।
सेना में की आगे की पढ़ाई
पाकिस्तान आर्मी जॉइन करने के बाद मुनीर ने आगे की पढ़ाई पूरी की। इस्लामाबाद में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (NDU) से पब्लिक पॉलिसी और स्ट्रैटेजिक सिक्योरिटी मैनेजमेंट में एम.फिल. की डिग्री हासिल की। इतनी ही नहीं मुनीर ने जापान के फूजी स्कूल (Fuji School)और मलेशिया के आर्म्ड फोर्सेस स्टाफ कॉलेज (Malaysia’s Armed Forces Staff College) में प्रोफेशनल कोर्सेस में भी हिस्सा लिया।
फोर्स कमांडर से ISI डायरेक्टर जनरल तक
साल 2015 में ब्रिगेडियर के तौर पर मुनीर को उत्तरी क्षेत्रों का फोर्स कमांडर नियुक्त किया गया। मुनीर ने पीओके में गिलगित-बाल्टिस्तान में सैनिकों को कमांड किया, जहां उसने अपने एक्स कॉर्प्स कमांडर कमर जावेद बाजवा पर बहुत बढ़िया प्रभाव डाला। वहीं, 2017 में सेना प्रमुख बाजवा ने मुनीर को सैन्य खुफिया महानिदेशक बनाया और एक साल बाद पाकिस्तान की बाहरी स्पाय एजेंसी आईएसआई का महानिदेशक बनाया।
आर्मी चीफ के तौर पर हुई नियुक्ति
इसके बाद साल 2019 में मुनीर और तत्कालीन पीएम इमरान खान के बीच लड़ाई हो गई और आईएसआई प्रमुख के पद से मुनीर को हटा दिया गया। इसके बाद मुनीर को गुजरांवाला में XXX कोर की कमान सौंपी गई। 2 साल बाद 2021 में मुनीर को आर्मी हेड क्वार्टर में क्वार्टरमास्टर जनरल के पद पर नियुक्ति किया गया। जब नवंबर 2022 में बाजवा रिटायर होने वाले थे, तब मुनीर सबसे सीनियर सेवारत जनरल थे, लेकिन प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके इमरान खान ने मुनीर के चयन का विरोध किया, लेकिन नए पीएम शहबाज और उनके गुरु नवाज शरीफ ने मुनीर का समर्थन किया, जिसके बाद इमरान के वफादार राष्ट्रपति आसिफ अल्वी को सेना प्रमुख के तौर पर मुनीर की नियुक्ति का समर्थन करना पड़ा।
ऐसे एक्सटेंड करवाया अपना टेन्योर
हालांकि, असीम मुनीर को तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद नवंबर 2025 में रिटायर होना था, लेकिन नवंबर 2024 में मुनीर ने पाकिस्तानी संसद से एक बिल पास करवा लिया, जिसमें सभी सेवा प्रमुखों का कार्यकाल 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया, जिससे 4 स्टार चीफ के लिए ऊपरी आयु सीमा हटा दी गई। अब मुनीर का कार्यकाल 2027 में समाप्त होगा।
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