लंदन। दुनिया के 85 से ज्यादा देशों में कोरोना वायरस(Corona Virus) संक्रमण (Infection)की दूसरी घातक लहर(Second Wave) के लिए जिम्मेदार साबित हो रहे डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) को विश्व स्वास्थ्य संगठन World Health Organization (WHO) ने बेहद खतरनाक (Dangerous) घोषित किया है।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एदानॉम गेब्रेसियस (WHO Director-General Tedros Adhanom Ghebreyesus)ने कहा कि सबसे पहले भारत(India) में चिह्नित किया गया डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) कोविड-19 (Covid-19) के अब तक पहचाने गए सभी स्वरूपों में सबसे ज्यादा संक्रामक पाया गया है। साथ ही उन्होंने अमीर देशों से कोरोना टीकों के वितरण में एड्स और स्वाइन फ्लू के दौरान की गई गलती नहीं दोहराने की भी अपील की।
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डेल्टा स्वरूप के 85 देशों में पहुंच बना लेने को लेकर सतर्क किया और कहा कि 11 देशों में यह पिछले दो सप्ताह में ही पहुंच गया है। उन्होंने कहा, गरीब देशों में टीके की कमी ने डेल्टा स्वरूप के प्रसार को ज्यादा तेज कर दिया है।
उन्होंने टीका आवंटन के लिए गठित एक सलाहकार समूह की हालिया बैठक में शामिल होने का जिक्र किया और कहा कि वे सभी निराश थे, क्योंकि आवंटन के लिए टीके की एक भी खुराक मौजूद नहीं थी। उन्होंने विकासशील देशों के साथ टीके की खुराक साझा करने में तत्काल कमी के लिए अमीर देशों की आलोचना की।
उन्होंने कहा, वैश्विक समुदाय टीका वितरण में विफल रहा है और उसी गलती के दोहराए जाने का खतरा बन गया है, जो दशकों पहले एड्स (एचआईवी) संकट के दौरान और 2009 में स्वाइन फ्लू महामारी के दौरान की गई थी। दोनों बार केवल गरीब देशों में टीके पहुंचने के बाद ही महामारी का प्रसार खत्म हुआ था।
उन्होंने कहा, कम आय वाले देशों में एंटी रेट्रो वायरल के पहुंचने में 10 साल लगे थे, जबकि अमीर देशों में यह पहले ही लगभग खत्म हो चुका था। उन्होंने सवाल किया, क्या अहम वहीं काम दोबारा करना चाहते हैं? Share: