मुंबई: नील नितिन मुकेश (Neil Nitin Mukesh) के करियर की शुरुआत काफी अलग तरीके से हुई थी. उनकी पहली फिल्म ‘जॉनी गद्दार’ एक ऐसी थ्रिलर थी जो बॉलीवुड टाइप कम थी और जेम्स हेडली चेस के नॉवेल के किस्सों के ज्यादा करीब लगती थी. नील ने थ्रिलर जॉनर के बारे में बात करते हुए बॉलीवुड फिल्म मेकर्स और लेखकों की आलोचना की. वे बोले कि उन्होंने ‘मौलिक आइडिया और कॉन्टेंट पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि हर समय फिल्मों के रीमेक बनाने पर ध्यान लगाया.
नील ने अपने करियर के शुरुआती कुछ सालों में ‘आ देखने जारा’, मधुर भंडारकर की ‘जेल’ और सुधीर मिश्रा की ‘तेरा क्या होगा जॉनी’ जैसी थ्रिलर जॉनर की फिल्मों में बहुत काम किया. इसमें उनकी कमर्शियल रूप से सफल फिल्म थी ‘न्यूयॉर्क’, जिसमें जॉन अब्राहम और कैटरीना कैफ ने भी अभिनय किया था.
नील नितिन मुकेश ने मौलिक फिल्में बनाने पर दिया जोर
नील ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, ‘यहां साइकोलॉजिकल थ्रिलर, पॉलिटिकल थ्रिलर, हॉरर थ्रिलर जैसे कई जॉनर हैं. हम उनकी तलाश क्यों नहीं कर रहे हैं? हम अभी भी मौलिक आइडिया और कॉन्टेंट के साथ आने के बजाय फिल्मों के रीमेक बना रहे हैं. बॉलीवुड के पास मौलिक आइडिया है, पर मुझे लगता है कि हम सुरक्षित तरीके से चीजें करना चाहते हैं.’
नील नितिन मुकेश ने ‘कथथी’ से तमिल सिनेमा में पाई सफलता
नील ने सालों तक छोटी फिल्में करने के बाद साल 2014 में सुपरहिट ‘कथथी’ (Kaththi) से तमिल सिनेमा में सफलता पाई थी. उनकी अन्य हिट फिल्मों में ‘प्रेम रतन धन पायो’ और ‘साहो’ शामिल है. नील ने यह भी बताया कि कैसे एक एक्टर का महत्व पूरी तरह से उसकी फिल्मों के कमर्शियल सक्सेस से तय होता है. यही वजह है कि वे हर तरह की फिल्में करके संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं. वे कहते हैं, ‘मेरा मानना है कि शोबिज में, मुझे थोड़ा समझदार होना होगा और संतुलन बनाकर चलना होगा.’
फिल्म ‘फिरकी’ में नजर आएंगे नील नितिन मुकेश
वे आगे कहते हैं, ‘सच्चाई यह है कि न सिर्फ हमारी इंडस्ट्री में, बल्कि दर्शकों के बीच भी एक एक्टर को लेकर धारणा उनकी कमर्शियल सक्सेस पर टिकी होती है. नील को आखिरी बार 2019 की फिल्म ‘बाईपास रोड’ में देखा गया था, जो कमर्शियल रूप से सफल नहीं थी. वे उस साल प्रभास-स्टारर ‘साहो’ में सहायक भूमिका में भी दिखाई दिए थे. वे अगली बार अंकुश भट्ट की फिल्म ‘फिरकी’ में नजर आएंगे, जिसमें के के मेनन और जैकी श्रॉफ भी हैं.’