पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई मोदी सरकार ने आज कहा कि पिछले एक वर्ष में पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) पर केन्द्रीय करों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्यों में हुई वृद्धि उच्च अंतरराष्ट्रीय (International) उत्पाद मूल्यों और विभिन्न राज्य सरकारों (state governments) द्वारा वसूले गए वैट में वृद्धि के चलते आधार मूल्य में वृद्धि के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में अस्थिरता से संबंधित मुद्दे को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रही है।
पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार निर्धारित बना दिया गया है। उसके बाद से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्ट्रीय उत्पाद मूल्यों तथा अन्य बाजार दशाओं के आधार पर पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण के संबंध में निर्णय लेती हैं।
उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियों (oil marketing companies) ने पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को अंतरराष्ट्रीय मूल्यों और रूपया-डॉलर विनिमय दर में परिवर्तनों के अनुरूप बढ़ाया और घटाया है।
बता दें कि इस समय देश के अधिकतर राज्यों में पेट्रोल की कीमत रिकॉर्ड 100 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 101 रुपये 84 पैसे है। वहीं डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।
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