img-fluid

क्या मोदी सरकार पहलगाम पर करेगी कारगिल समीक्षा समिति जैसी जांच? कांग्रेस ने केंद्र से पूछे सवाल

May 13, 2025

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को एक बड़ा सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि क्या मोदी सरकार ‘पहलगाम’ की घटना पर भी वैसी ही समीक्षा कराएगी जैसी 1999 में वाजपेयी सरकार ने कारगिल युद्ध के बाद की थी? साथ ही पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपनी पुरानी मांग दोहराई, और कहा कि अमेरिका से आई हालिया टिप्पणियों के बाद यह मांग और भी जरूरी हो गई है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘कारगिल युद्ध खत्म होने के तीन दिन बाद, 29 जुलाई 1999 को वाजपेयी सरकार ने ‘कारगिल समीक्षा समिति’ बनाई थी। इसकी रिपोर्ट 23 फरवरी 2000 को संसद में रखी गई थी, हालांकि उसकी कुछ बातें आज भी गोपनीय हैं – और रहनी भी चाहिए।’ उन्होंने लिखा, ‘उस कमेटी की अध्यक्षता भारत के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रह्मण्यम ने की थी, जो विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी के पिता हैं। क्या मोदी सरकार अब ‘पहलगाम’ की घटना पर वैसी ही कोई जांच कराएगी, भले ही एनआईए जांच कर रही हो?’


जयराम रमेश के इस बयान के पीछे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बड़ा दावा है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच एक परमाणु संघर्ष टल गया था और इसमें अमेरिका की भूमिका रही। ट्रंप ने कहा, “शनिवार को हमने भारत और पाकिस्तान के बीच एक पूर्ण और तात्कालिक युद्धविराम कराने में मदद की। यह एक स्थायी समझौता है, और हमने एक बड़ा परमाणु टकराव टाल दिया।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से कहा कि अगर वे युद्ध बंद करते हैं, तो अमेरिका उनके साथ बड़ा व्यापार करेगा। और अगर नहीं माने, तो कोई व्यापार नहीं होगा। ट्रंप ने यह भी कहा, ‘लोगों ने कभी व्यापार को इस तरह से इस्तेमाल नहीं किया जैसे मैंने किया। मैंने कहा – युद्ध बंद करो, तो व्यापार होगा, नहीं तो कुछ नहीं। और उन्होंने युद्ध बंद कर दिया।’

भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के सैन्य प्रमुखों ने आपसी सहमति से सभी तरह की सैन्य कार्रवाई- जमीन, हवा और समुद्र – को रोकने का फैसला किया। भारत ने स्पष्ट किया है कि इसमें कोई तीसरी पार्टी शामिल नहीं थी।

कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीर बताते हुए दो बड़ी मांगें दोहराईं, पहला कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हो। जबकि दूसरी मांग संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाने को लेकर है, न कि दो-ढाई महीने बाद। कांग्रेस का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही चर्चाओं और अमेरिका से आ रहे बयानों के चलते अब यह जरूरी हो गया है कि सरकार देश के लोगों और राजनीतिक दलों को भरोसे में ले।

Share:

  • भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच चीन ने कर दिया बड़ा खेल! CPEC को लेकर लागू किया नया प्लान

    Tue May 13 , 2025
    डेस्क: भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के दौरान चीन अब रणनीतिक घेरेबंदी की नीति पर काम कर रहा है. इसका स्पष्ट उदाहरण हाल ही में सामने आया जब पाकिस्तान और चीन के विशेष दूतों ने अफगानिस्तान का दौरा कर तालिबान सरकार से Belt and Road Initiative के तहत China-Pakistan Economic Corridor पर विस्तार पर बातचीत […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved