नई दिल्ली: सरकार द्वारा चलाई जा रही PM Kisan योजना के तहत 1 साल में 3 किस्तों में किसानों को 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता करती है. हर 4 महीने में किसानों के अकाउंट में 2,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. अगर आप भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) का लाभ उठा रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. पीएम किसान (PM Kisan) योजना में कई ऐसे किसान शामिल हो गए हैं, जो इस योजना के नियम और शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं और इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.
सरकार ने ऐसे अपात्र किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार अब इन अपात्र किसानों से पूरे पैसे वसूल रही है. अब पीएम किसान योजना से इन्हें बाहर का रास्ता भी दिखाया जाएगा. राज्य सरकारों ने गलत तरीके से किस्त उठाने वालों से पैसा वसूलने का काम शुरू कर दिया है. बता दें कि 13वीं किस्त जारी होने के बाद से देशभर के करोड़ों किसान 14वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. उनका यह इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. भारत सरकार जल्द प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त को किसानों के खाते में ट्रांसफर कर सकती है.
वापस करना होगा किस्त
अगर आपके घर में भी एक ही जमीन पर एक से अधिक परिवार के सदस्य पीएम किसान के तहत किस्त ले रहे हैं तो आपको 2000 रुपये की किस्त का पैसा वापस करना होगा. मान लीजिए अगर किसी परिवार में एक ही जमीन पर मां, पिता, पत्नी और बेटे पीएम किसान की किस्त पा रहे हैं तो उन्हें पैसा सरकार को वापस लौटाना होगा. नियमों के तहत परिवार का एक ही सदस्य पीएम किसान के तहत किस्त पा सकता है. उन पर फ्रॉड का मामला दर्ज हो सकता है और ऐसे मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.
फर्जीवाड़ा का है मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 2 साल पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया था. इसमें तकरीबन 17 हजार अपात्र किसानों ने फर्जी तरीके से ऑनलाइन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके लगभग 25 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया था. अब यह फर्जीवाड़ा बढ़कर 43 करोड़ तक पहुंच गया है. 53 हजार किसान ने फर्जी तरीके से पंजीयन कराकर यह राशि प्राप्त कर ली है. PM Kisan के तहत पैसे लेने वाले अपात्र किसानों को उप कृषि निदेशक कार्यालय में कैश में पैसा जमा कराना होगा. पैसा जमा करने पर उन्हें रसीद मिलेगी. पैसा देने के बाद किसान का डेटा भी पोर्टल से हटा दिया जाएगा.