इंदौर न्यूज़ (Indore News)

22 हजार एकड़ पर विकसित होंगे 15 नए औद्योगिक क्षेत्र

20 फीसदी नकद राशि बांटना भी शुरू, पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र के 250 किसानों को 153 करोड़ का बंटेगा मुआवजा

इंदौर। शासन ने औद्योगिक क्षेत्रों (industrial areas) के लिए भी लैंड पुलिंग पॉलिसी (land pulling policy) घोषित कर दी है। पिछले दिनों कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी। हालांकि इंदौर में एमपीएसआईडीसी इंदौर-पीथमपुर निवेश क्षेत्र के साथ-साथ इकोनॉमिक कॉरिडोर और पीथमपुर (Pithampur) में नए सेक्टर को विकसित करने के लिए इसी पॉलिसी के तहत किसानों को 20 फीसदी राशि नकद और 80 फीसदी जमीन के बदले विकसित भूखंड उपलब्ध करा रहा है। इसी तर्ज पर प्रदेशभर में जो नए 15 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं उनमें शामिल लगभग 22 हजार एकड़ जमीनों पर इसी मॉडल के तहत काम किया जाएगा। आने वाले एक साल में शासन के पास पर्याप्त लैंड बैंक रहेगा, जो कि निवेशकों, नए उद्योगों को जमीन और भूखंड आबंटन के काम आएगा।


जिस तरह इंदौर विकास प्राधिकरण ने पहले आवास नीति के तहत 20 फीसदी विकसित भूखंड आबंटित करने का निर्णय लिया, जिसके चलते सुपर कॉरिडोर सहित अन्य योजनाओं में निजी जमीन मालिकों के साथ अनुबंध किए और उन्हें नकद मुआवजा राशि के बदले ये विकसित भूखंड दिए गए हैं। उसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लैंड पुलिंग पॉलिसी को अमल में लाया, जिसके तहत प्राधिकरण ने पिछले दिनों टीपीएस में नई-पुरानी योजनाओं को घोषित किया है, जिसमें 50 फीसदी जमीन वापस उसके मालिकों को लौटा दी जाती है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए शासन ने जो लैंड पुलिंग पॉलिसी तय की है उसमें 20 फीसदी राशि नकद मुआवजे के रूप में जमीन मालिकों व किसानों को दी जाती है और शेष 80 फीसदी जमीन के बदले 35 प्रतिशत विकसित जमीन या भूखंड उपलब्ध करवा दिए जाते हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में अभी 7वें और 8वें सेक्टर के लिए जो एक हजार से अधिक जमीनों का अधिग्रहण किया गया उसमें इसी लैंड पुलिंग फॉर्मूले को इस्तेमाल किया गया है। अभी पीथमपुर, देवास, इंदौर सहित प्रदेशभर में लगभग 34 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें 14 हजार एकड़ की जमीन शामिल है। मगर लगातार उद्योगों और नए निवेशकों के आने का सिलसिला जारी है, उसके चलते 15 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 22 हजार एकड़ जमीन शामिल रहेगी। इन क्षेत्रों के विकसित होने के बाद मध्यप्रदेश नए औद्योगिक निवेश के लिए देश में तैयार होगा और बड़े पैमाने में नए उद्योगों के साथ-साथ रोजगार भी मिलेगा। इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर, मल्टी मॉडल, लॉजिस्टिक पार्क, डाटा सेंटर सहित अन्य योजनाओं के साथ-साथ अभी जो नए एयरपोर्ट विकसित होंगे उसमें भी कार्गो और लॉजिस्टिक सहित अन्य कार्यों के लिए निजी जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। पीथमपुर, देवास के अलावा ये नए 15 औद्योगिक क्षेत्र नीमच के खेरखेड़ा, दतिया के बड़ोनी, राजगढ़ में बामनियाखेड़ी, ग्वालियर में मोहना, उज्जैन में बार्दवा, मक्सी, खंडवा के चीरखान, सीहोर, सीवनी, बुरहानपुर सहित अन्य जगह पर प्रस्तावित किए गए हैं। इंदौर-पीथमपुर निवेश क्षेत्र के लिए भी लैंड पुलिंग का यही फार्मूला तय किया गया है, जिसके लिए 250 किसानों को लगभग 153 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा जाएगा। एमपीएसआईडीसी को अभी शुरुआत में 20 करोड़ रुपए की राशि शासन ने हस्तांतरित की है। एमडी रोहन सक्सेना के मुताबिक अधिकांश किसान जमीनों की रजिस्ट्रियां करवाने को भी तैयार हैं। इस निवेश क्षेत्र में लगभग 32 हजार एकड़ जमीनें शामिल है, जिसमें सरकारी के अलावा अधिकांश जमीनें निजी हैं। पूर्व में 121 किसानों को 20 फीसदी नकद मुआवजे की राशि के चेक सौंपे गए थे, जो कि लगभग 95 करोड़ के थे।

 

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