उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News) देश मध्‍यप्रदेश

लॉकडाउन के डर से जोधपुर से 630 KM की यात्रा कर उज्‍जैन पहुंचे 22 मजदूर, कही ये बात

उज्जैन। देश के कई राज्यों में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्‍या बढ़ने से लॉकडाउन (Lockdown) की आहट है। मध्य प्रदेश में पहले से ही लॉकडाउन लगा हुआ है, लेकिन राजस्थान जैसे राज्य में भी अब कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है, लिहाजा अब मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र और अब राजस्थान में भी लॉकडाउन लगने के डर से वंहा मजदूरी करने गए प्रवासी मजदूर (Migrant Laborers) पलायन को मजबूर हैं।

दरअसल लॉकडाउन के डर से उज्जैन से 630 किमी दूर जोधपुर से 22 मजदूर उज्जैन के पास झारड़ा के नरखेड़ी गांव के लिए निकले हैं। इनको उज्जैन पहुंचते पहुंचते 3 दिन लग गए और अभी भी करीब 70 किमी का सफर बाकी है।

पिछले साल जैसा लॉकडाउन का डर
झारड़ा के नरखेड़ी गांव का रहने वाला बद्री ने बताया कि तीन दिन पहले जोधपुर के पास रामदेवरा से चले थे वहां जैसे ही पता चला राजस्थान में भी लॉकडाउन लग सकता है तो अपना दो महीने का बचा हुआ काम छोड़कर अपने गांव के लिए 22 लोग निकल गए। साथ ही बताया कि राजस्थान बॉर्डर तक तो वाहन मिल गया, लेकिन मध्य प्रदेश में आते ही लॅाकडाउन के चलते पैदल ही चलना पड़ रहा है। हालांकि रास्‍ते में कई लोग मानवता के नाते सभी को भोजन के अलावा खाने पीने का सामन उपलब्ध करवा रहे हैं।

230 किमी पैदल यात्रा, हाथों में भारी सामान और गर्मी
राजस्थान से वाहनों के सहारे मध्य प्रदेश के बॉर्डर तक पंहुचे मजदूरों को उज्जैन से 230 किमी दूर निम्बाहेड़ा के बाद वाहन नहीं मिले तो वहीं से पैदल यात्रा शुरू कर दी। झारड़ा निवासी उपमा बाई ने बताया कि मध्य प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से पैदल ही चलना पड़ रहा है। उज्जैन आने के बाद अभी और सफर बाकी है। हालांकि उज्जैन में भी आम लोग ऐसे मजदूरों की सेवा करते नजर आये और उन्होंने इस गर्मी के माहौल में सभी 22 मजदूरों के लिए छाछ मट्ठे का इंतजाम भी किया।

Share:

Next Post

Live : 4 मई से 14 जून तक होने वाली CBSE 10वीं की परीक्षाएं रद्द

Wed Apr 14 , 2021
नई दिल्ली। भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर झेल रहा है। अब हर दिन डेढ़ लाख के पार केस आ रहे हैं। इस महामारी में CBSE बोर्ड की परीक्षाएं कराए जाएं या नहीं, इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ अहम बैठक की। अब थोड़ी देर में शिक्षा […]