भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

जीएसटी में परेशान कर रहे साल के 26 रिटर्न, प्रक्रिया को सरल बनाना जरुरी

  • टीपीए ने भेजा वित्त मंत्री को प्री-बजट मेमोरेंडम

भोपाल। जीएसटी में आम कारोबारी को साल में लगभग 26 रिटर्न जमा करना पड़ रहे हैं। रिटर्न में हर व्यापारी को बेचे गए और प्राप्त सामग्री या सेवा का एक-एक बिल अपलोड करने जैसे नियम प्रक्रिया को और कठिन बना रहे हैं। आम बजट से पहले केंद्र सरकार से मांग की जा रही है कि टैक्स भले घटाएं न घटाएं लेकिन जीएसटी की प्रक्रिया को आसान करें। बजट पूर्व सुझावों का प्रस्ताव कर विशेषज्ञों ने तैयार किया है और केंद्रीय वित्तमंत्री को भेजा है। कर सलाहकारों ने कहा है कि जीएसटी की प्रक्रिया को आसान किया जाए तो टैक्स कलेक्शन के साथ कारोबारियों और सीए की आसानी भी बढ़ जाएगी।


टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन (टीपीए) के प्रतिनिधि मंडल नें बजट से पहले जीएसटी में जरुरी बदलावों को लेकर ज्ञापन राज्य कर आयुक्त लोकेश जाटव और सीजीएसटी आयुक्त पार्थ राय चौधरी को सौंपी। केंद्रीय अधिकारियों और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को भी प्रति भेजी गई है। टीपीए ने ज्ञापन और प्रतिवेदन में जीएसटी प्रविधानों के साथ उससे पैदा हो रही परेशानी का उल्लेख किया है। साथ ही उसके निराकरण के लिए अपनी ओर से सुझाव भी लिखा है। टीपीए अध्यक्ष सीए शेलेन्द्र सोलंकी के अनुसार टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन ने अपने सभी सदस्यों से प्री – बजट मेमोरेंडम के लिए सुझाव मांगे थे।
व्यापार में आ रही कठिनाइयों से सरकार को अवगत कराया जाए और कर अनुपालन की प्रक्रिया को आसान कर कैसे टैक्स कलेक्शन बढ़ाया जाए यह हमारा उद्देश्य है। सभी विशेषज्ञों ने आम तौर पर सहमति दी थी कि जीएसटी के वर्तमान रिटर्नो की संख्या घटाई जाना चाहिए। इससे कर प्रणाली को सरल हो जाएगी। टैक्स पर लगने वाले ब्याज की दर कम की जाए और इस नई कर प्रणाली की प्रारंभिक तीन वर्षों में तकनीकि कमियों मानवीय भूल के कारण हुई त्रुटियों पर पेनाल्ट न लगाई जाए। टीपीए के राज्य कर सचिव सीए मनोज पी गुप्ता सचिव (राज्य कर) व सचिव केंद्रीय कर सीए कृष्णा गर्ग के मुताबिक केंद्रीय वित्त मंत्री को सुझाव दिया है कि छोटे करदाताओं के लिए वर्ष भर मे 13 जगह तीन रिटर्न किए जा सकते हैं। इसके साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट, रिवर्स चार्ज, व्यवसाय के रजिस्ट्रेशन, रिटर्न को रिवाईज करने के प्रविधान, टैक्स पर लगने वाले ब्याज के युक्ति करण, एक्सपोर्ट पर ड्यूटी रिफंड, जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन करने जैसे तमाम सुझाव शामिल हैं। सात दिसंबर सुझाव प्रेषित करने की अंतिम तिथि है।

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