- 12 विभाग तेजी से कर रहे हैं काम
भोपाल। प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal Division) के आठ जिलों में बाढ़ से भयानक तबाही हुई है। बाढ़ प्रभावित 32 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा गया, जो आज भी राहत कैंपों (Relief Camps) में रहने को मजबूर हैं। जबकि 8 हजार से ज्यादा लेागों को NDRF, SDRIF और सेना ने रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 12 विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। इस हफ्ते जनजीवन सामान्य करने की केाशिश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे सही एवं पारदर्शी हो। कोई भी प्रभावित व्यक्ति छूटे नहीं तथा किसी अपात्र व्यक्ति को लाभ न मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जल स्रोतों को क्लोरीन आदि के माध्यम से स्वच्छ किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं।
आज से राहत मिलना शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गये है, उन्हें 6-6 हजार रूपये की तात्कालिक राहत तुरंत दी जाए, जिससे वे कुछ मरम्मत कर सकें अथवा अन्यत्र रहने की व्यवस्था कर सकें। पूरा सर्वे होने के बाद मकान के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये की राशि भी दी जाएगी। ग्वालियर में पीडि़तों को 6 हजार रुपए की राहत मिलना शुरू हो गई है। जिन गांवों या शहरों की बस्तियों में गेहूं पीसने की व्यवस्था नहीं है, वहां आटा वितरण किया जा रहा है।
बीमारियाँ न फैलें, विशेष सावधानी रखें
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियाँ न फैलें इस संबंध में विशेष सावधानी रखें। उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था तथा छिड़काव करवाया जाए। लोक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 386 गाँवों में 139 स्वास्थ केंद्र सेवाएँ दे रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि पशुओं के स्वास्थ्य की भी पूरी सुरक्षा की जाए। उनमें बीमारी न फैले। मृत पशुओं को दफनाने की व्यवस्था की जाए। क्षति सर्वे कर पशु हानि का मुआवजा दिया जाए। पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल ने क्षति एवं राहत की जानकारी दी।
180 उचित मूल्य दुकानें प्रभवित
खाद्य मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि बाढ़ से 180 उचित मूल्य दुकानें प्रभावित हुई हैं। राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है। नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि बाढग़्रस्त नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
सड़कों की तेजी से मरम्मत हो
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों तथा पुल-पुलियों की तेजी से मरम्मत हो। साथ ही कनेक्टिविटी बहाल करें। जिन पुलों की मरम्मत तुरंत संभव न हो, उनके वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए। लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि बाढ़ से 189 छोटे पुल-पुलियाएँ, 7 बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। मार्गों की क्षति लगभग 207 करोड़ रूपये की है।