इन्दौर। डकैती की तैयारी करते पकड़ाये दो युवकों को कोर्ट ने चार साल की कठोर सजा सुनाते हुए जेल भेजा है। मामले में दो मुलजिम अभी फरार हैं, जबकि एक मर चुका है। मुजरिमों के नाम है- अजय पिता राजकुमार (44) निवासी कुलकर्णी का भट्टा व अश्विन पिता समाधान मराठा (34) निवासी पंचशीलनगर, एरोड्रम। पुलिसिया कहानी के अनुसार 16 अक्टूबर 2011 की रात 9 बजकर 40 मिनट पर बाणगंगा थाने के तत्कालीन टीआई राजीव चतुर्वेदी को सूचना मिली थी कि अलवासा रोड पर मार्डन फैक्ट्री के अहाते में छिपकर कुछ लोग डकैती की योजना बना रहे हैं। इस पर पुलिस टीम ने वहां छापा मारा और मौके से अजय व अश्विन के अलावा राजेश पिता भागीरथ करोसिया निवासी सांई सुमन नगर, संदीप पिता रामचंद्र चौहान निवासी भागीरथपुरा व प्रमोद पिता रामनरेश पासी को गिरफ्तार किया था।
अजय से चाकू व अमित से तलवार भी जब्त हुई थी। पांचों मुलजिम गणपत पटेल के घर में डकैती डालने की योजना बना रहे थे और तैयारी कर चुके थे। मामले में अदालत में केस चलने तक राजेश व संदीप फरार हो गए, जबकि प्रमोद की मौत हो गई थी। ऐसे में फिलहाल अजय व अश्विन के खिलाफ ही केस चला। बहरहाल गवाहों ने अजय व अश्विन द्वारा डकैती डालने की तैयारी करने व इस हेतु हथियार जमा करने के बयान दिए तो न्यायाधीश जयदीपसिंह ने दोनों को आईपीसी की धारा 399 व 402 व आम्र्स एक्ट में अधिकतम चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाकर सेंट्रल जेल भेज दिया। दोनों पर चार-चार हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया है।
मुलजिमों ने जिसके यहां डकैती होनी थी, उसके बयान नहीं होने का दिया तर्क
सुनवाई के दौरान मुलजिमों ने बचाव में कहा कि वे तो अपने घर में बैठे थे। पुलिस ने जबरन आकर पकड़ लिया और लिखा-पढ़ी कर दी। उनका कहना था कि पुलिस ने जिस गणपत नामक शख्स के घर डकैती डालने की तैयारी करने का हवाला दिया है, उसके तो बयान तक दर्ज नहीं किए थे। इस पर सरकार ने सफाई दी कि चूंकि डकैती नहीं डल पाई थी, इसलिये पुलिस ने गणपत के बयान नहीं लिये थे।
