इंदौर न्यूज़ (Indore News)

400 करोड़ खर्च होंगे इंदौर के 11 सीएम राइज स्कूलों के निर्माण पर

  • 29 अक्टूबर को इंदौर आएंगे शिवराज, प्रदेशभर के 73 स्कूलों का करेंगे वर्चुअली भूमिपूजन, प्राधिकरण ओवरब्रिजों के लिए नहीं मिला समय

इंदौर। दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर अब देशभर की राज्य सरकारें खस्ताहाल सरकारी स्कूलों की सुध लेने में जुटी है। इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में पहले चरण में 73 सीएम राइज स्कूलों का निर्माण करवाया जा रहा है, जिनका वर्चुअली भूमिपूजन इंदौर से ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 29 अक्टूबर को करेंगे। अहिल्या आश्रम, जिसे सीएम राइज स्कूलों की सूची में शामिल किया गया है के मैदान पर यह आयोजन होगा। पूरे प्रदेश में सर्वाधिक 11 सीएम राइज स्कूल इंदौर जिले को ही मिले हैं, जिसमें 6 शहरी और पांच ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल शामिल हैं। न्यूनतम 5-5 एकड़ जमीन जिन स्कूलों के पास है उन्हें इस सूची में शामिल किया गया है और एक स्कूल पर 35 से 40 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी, जिसके चलते इंदौर के 11 स्कूलों पर लगभग 400 करोड़ रुपए तक खर्च किए जाएंगे।

शिक्षा और स्वास्थ्य को सालों पहले ही सारी राज्य सरकारें निजी हाथों में सौंप चुकी है, जिसके चलते आम आदमी को महंगी शिक्षा और स्वास्थ्य हासिल करना पड़ता है। दिल्ली में केजरीवाल मॉडल सफल साबित हुआ, जिसकी नकल अब देशभर में होने लगी है। प्रदेश सरकार का दावा है कि सीएम राइज के तहत बनने वाले स्कूलों की गुणवत्ता दिल्ली से भी बेहतर रहेगी। इंदौर में ही जो चमचमाते निजी महंगे स्कूल हैं उनकी टक्कर के ये सीएम राइज स्कूल बनाए जाएंगे। हालांकि इनके निर्माण में डेढ़ से दो साल का समय लगेगा, क्योंकि स्कूल भवन के निर्माण के साथ-साथ उसमें जरूरी सुविधाएं भी जुटाई जाएंगी। अभी मुख्यमंत्री 29 अक्टूबर को इंदौर सहित प्रदेशभर के पहले चरण में बनाए जा रहे 73 सीएम राइज स्कूलों का भूमिपूजन करेंगे।


अहिल्या आश्रम में यह आयोजन होगा। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक इंदौर शहर के 6 और ग्रामीण क्षेत्र के 5 स्कूलों को इस योजना में शामिल किया गया है। इंदौर के नंदानगर स्थित सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल के अलावा एमओजी लाइन स्कूल नवीन मालव कन्या, अहिल्या आश्रम, मल्हार आश्रम, महाराजा शिवाजी राव सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, मूसाखेड़ी स्थित हाई सेकंडरी स्कूल, शिव नगर स्थित हाई सेकंडरी के अलावा सांवेर के मॉडल हाई सेकंडरी, देपालपुर, महू और पाल कांकरिया के सरकारी स्कूल को इस योजना में शामिल किया गया है। जिन स्कूलों के पास न्तूनतम 5 एकड़ जमीन नहीं है उन्हें प्रशासन अतिरिक्त जमीन भी आबंटित कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के पास तो 5 और 7 एकड़ जमीन उपलब्ध है। शहरी स्कूलों के पास भी 1 से लेकर 2 एकड़ जमीनें तो है ही, वहीं अतिरिक्त जमीन भी दी जाएगी। इंदौर विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग द्वारा इन स्कूलों का निर्माण किया जाएगा।

35 से 40 करोड़ की राशि हर एक सीएम राइज स्कूल पर खर्च की जाना है। लिहाजा इंदौर के ही 11 स्कूलों के निर्माण, उनमें आधुनिक प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, क्लास रूम सहित अन्य सुविधाओं को जुटाने पर लगभग 400 करोड़ रुपए तक खर्च किए जाएंगे। शिवराज सरकार ने इन 73 स्कूलों के लिए लगभग 3 हजार करोड़ का बजट भी मंजूर कर रखा है। वहीं दूसरी तरफ 29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सीएम राइज के भूमिपूजन के अलावा डेली कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल होंगे, लेकिन प्राधिकरण के ओवरब्रिजों भंवरकुआं और खजराना चौराहा के लिए उनका समय नहीं मिल पाया, जिसके चलते प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा द्वारा कल रखा गया स्थल निरीक्षण भी स्थगित करना पड़ा। अन्यथा उसके पहले प्राधिकरण पीआरओ कपिल भल्ला ने मीडिया, सोशल मीडिया ग्रुपों में भी यह मैसेज पोस्ट किया था कि 29 अक्टूबर को दोनों फ्लायओवर का शिलान्यास किया जाना प्रस्तावित है, जिसके चलते अध्यक्ष द्वारा भंवरकुआ चौराहा पर निर्माण स्थल का निरीक्षण जनप्रतिनिधियों और मीडिया साथियों की मौजूदगी में किया जाएगा। मगर मुख्यमंत्री द्वारा समय ना दिए जाने के चलते यह निरीक्षण का आयोजन स्थगित करना पड़ा। दूसरी तरफ प्रशासन सीएम राइज स्कूलों के भूमिपूजन आयोजन की तैयारियों में जुट गया है।

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