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ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूर, सरकार से लगाई गुहार- त्राहिमाम-त्राहिमाम

नई दिल्ली: झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग से तजाकिस्तान जाकर फंसे 44 प्रवासी मजदूरों ने झारखंड और भारत सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है. इन मजदूरों ने भारत सरकार से खुद को निकालने की गुहार की है. इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी मजदूरों ने गुहार लगाई है. इसमें मजदूरों ने बताया कि वह जिस कंपनी के लिए काम कर रहे थे, उसने तीन महीने से वेतन नहीं दिया है. ऐसे में वह पैसे के अभाव में दाने-दाने को मोहताज हैं हो गए हैं. मजदूरों ने गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द यहां से निकालकर वतन वापसी कराई जाए.

यह कोई पहला मौका नहीं है, जब गरीब तबके के लोग दलालों के चक्कर में पड़कर विदेश चले जाते हैं और वहां फंसकर रह जाते हैं. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. ताजा मामले में सभी मजदूर करीब छह महीने पहले विष्णु गढ़ प्रखंड के खरना निवासी पंचम महतो के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन में काम करने ताजिकिस्तान गए थे. बताया जा रहा है कि कंपनी में तीन महीने तक तो इन बच्चों को जीवन यापन के लिए वेतन का कुछ हिस्सा दिया गया, लेकिन उसके बाद से वह भी मिलना बंद हो गया. ऐसे हालात में मजदूरों को घर वापसी तो दूर, एक जून की रोटी का इंतजाम भी मुश्किल हो गया है.


श्रमिकों की मदद के लिए की अपील
प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकन्दर अली ने केंद्र व राज्य सरकार से श्रमिकों को मदद की अपील की है. उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. लोग रोजी रोटी की तलाश में विदेश जाते हैं, जहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. ऐसे हालात में मजदूर बड़ी मुश्किल से अपने वतन लौट पाते हैं.

जानकारी के मुताबिक गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के अडवारा निवासी संतोष महतो, लुतयानो तेजो महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेन्द्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो, हजारीबाग जिले के विष्णु गढ़ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजु, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल, तुलसी महतो आदि शामिल हैं. इनके अलावा नेरकी के रोहित सिंह बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो, बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया भी तजाकिस्तान में फंसे हैं.

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