- शिकायत कर्ताओं को धमका रहे मारसाब, सुरक्षित विद्यालय भवन को कागजों में बताया जर्जर, विभाग की महिला डीसीपी के कारनामे चर्चाओं में
गुना। शहर की सीमा से सटे बिलोनिया गांव के दर्जनभर से अधिक महिला पुरुषों ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर बिलोनिया को माध्यमिक विद्यालय को जिसे शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अफसरों शिक्षकों के द्वारा मिलीभगत के जरिए जर्जर भवन घोषित किया है मामले में ग्रामीणों ने आरोप लगाए हैं कि भवन एकदम सही है मनमानी के तौर पर उसे जर्जर घोषित किया गया है आरोप लगाया गया है कि विगत 2021 -22 में विद्यालय के लिए 5 .75 लाख रुपए का शिक्षा विभाग के द्वारा बजट दिया गया था आखिर उस राशि का क्या उपयोग हुआ? जर्जर भवन को घोषित करने के संबंध में ग्रामीण जनों ने निष्पक्ष जांच समिति से जांच कराने की मांग कलेक्टर से की है। अब हाई स्कूल में मैडम क्लास की कक्षाएं लगने से विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट होने लगी है, जिस भवन को जर्जर घोषित किया गया है अब वहां असामाजिक तत्वों, जुआरियों, शराबियों का जमघट लगने लगा है।
शिक्षक धमका रहे शिकायत कर्ताओं को, विभाग मौन
5.75 लाख रुपए के घोटाले, सुरक्षित भवन को जर्जर घोषित करना, मध्यान भोजन में घोटाला आदि के संबंध में हुई शिकायत के बाद नामचीन शिक्षक शिकायत कर्ताओं को उनके घर पर पहुंचकर धमका रहे हैं, ग्रामीणजन शिक्षकों की धमकी से डरे हुए हैं लगातार शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के द्वारा मामले की जांच करने की बात कही जा रही है। शिक्षा बोर्ड की डीसीपी कलेक्टर सोनम जैन मामले में कुछ भी कहने से बस्ती हुई नजर आ रही हैं।
विद्यालय की बिल्डिंग पर असामाजिक तत्वों का कब्जा
शिक्षा विभाग के चालबाज मास्टर और द्वारा बारे बारे सुरक्षित सरकारी भवन को जर्जर घोषित कर दिया जिसके बाद विद्यालय में कक्षाएं लगना बंद हो गई। विद्यालय में असामाजिक तत्वों के अलावा युवाओं व शराबियों का सुरक्षित अड्डा बन गया है दूसरी तरफ रात के समय विद्यालय में जानवरों का डेरा ढल जाता है। असामाजिक तत्वों का अड्डा बनने से आसपास के रहवासियों में भय का माहौल व्याप्त है कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
स्पष्टीकरण : स्कूल में बेटियां साफ कर रही हैं शौचालय
संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी डीपीसी एवं जिला शिक्षा अधिकारी जिला गुना श्रीमति सोनम जैन ने बताया कि उक्?त संबंध में माध्यमिक विद्यालय चकदेवपुर में पहुँचकर जाँच की शाला में पदस्थ शिक्षक, आंगनबाडी सहायिका,ग्रामीणजन एवं संबंधित बालिकाओं से भी चर्चा कर कथन लिये। बालिकाओं ने बताया कि 20 सितंबर को उनके द्वारा शौचालय साफ नहीं किया, शौचालय के प्रयोग उपरांत हैंडपंप से पानी लेकर शौचालय में पानी डाला एवं बारिश के कारण शौचालय में पैरो से मिट्टी लगने, टाईल्स पर फिसलन से बचने स्वत: ही मिट्टी साफ की। विद्यालय के किसी भी शिक्षक द्वारा कोई निर्देश नहीं दिये।