इंदौर न्यूज़ (Indore News)

6 कोरोना मरीज मिले, सभी सर्दी, खांसी, बुखार से पीडि़त

दो बच्चे भी शामिल, स्वास्थ्य विभाग का मानना – इस मौसम में सर्दी-जुकाम के मरीज मिलते ही हैं… चिंता की कोई बात नहीं , सैम्पलिंग भी कर दी है बंद

इंदौर। आज-कल वैसे तो लोग कोरोना (Corona) को भूल ही गए हैं और कोई चिंता भी नहीं पालते, तो स्वास्थ्य विभाग (Heath Department) ने भी सैम्पलिंग बंद कर दी है। इस मौसम में अभी सर्दी, जुखाम, बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। उसमें से कुछ निजी प्रयोगशाला में कोरोना की जांच भी करवा लेते हैं। ऐसे ही अभी जांच के बाद 6 कोरोना मरीज मिले हैं, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। मगर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सभी सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार से पीडि़त हैं और घर में ही उपचार चल रहा है। भोपाल में भी दो मरीज मिलने की जानकारी सामने आई है। वहीं पूरे प्रदेश में सिर्फ 8 मरीज कोरोना के उपचाररत बताए गए हैं। वैक्सीनेशन में भी किसी की रुचि अब नहीं बची।


कोरोना का हल्ला अब इंदौर (Indore) से लेकर देशभर में ही खत्म हो गया है। पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने अवश्य चीन सहित कुछ देशों में बढ़े कोरोना के मरीजों को लेकर हल्ला मचाया और भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल खड़े किए और न्यूज चैनलों ने भी इसका जमकर प्रचार-प्रसार किया। मगर उसके बाद खबरें भी गायब हो गई और साथ में कोरोना भी लापता हो गया। अब जनता ने भी कोरोना की चिंता पालना खत्म कर दी, क्योंकि सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी के मरीज पहले की तरह वैसे ही 3-4 दिन में घर पर आराम कर स्वस्थ हो जाते हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने भी सैम्पलिंग की प्रक्रिया बंद कर दी और रोजाना जारी किया जाने वाला बुलेटिन भी नहीं आ रहा है। सिर्फ प्रदेश स्तर पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा अभी भी रोजाना प्रदेशभर का बुलेटिन जारी किया जाता है, जिसमें सभी 52 जिलों के कोरोना मरीजों की जानकारी दी जाती है। इसमें भोपाल में 2 मरीज और इंदौर में 6 मरीजों की जानकारी दी गई। इस संबंध में जब इंदौर के सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 6 मरीज अलग-अलग जगह के मिले हैं, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं और चार अन्य मरीज व्यस्क हैं। मगर ये सभी 6 मरीज ठीक हैं। सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार से ही पीडि़त हैं और निजी लैब में जांच करवाने के चलते कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी सामने आई है। इन सभी का होम आइसोलेशन यानी घर पर ही इलाज चल रहा है। उल्लेखनीय है कि कोरोना की पहली लहर में जहां देशव्यापी लॉकडाउन लगा और लोगों में नई बीमारी को लेकर खौफ रहा, तो दूसरी लहर में तो बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई और अस्पतालों में जगह नहीं मिली। मगर तीसरी और चौथी लहर बेअसर ही साबित हुई। यही कारण है कि अब बूस्टर डोज लगवाने में भी लोगों ने कम रुचि ली और कम संख्या में ही ये डोज लगे।

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