- पौने तीन करोड़ रुपए के बने चालान
इंदौर। शहर में यातायात नियंत्रण (traffic control) एक बड़ी समस्या बन गई है। पुलिस (police) लगातार चालानी कार्रवाई करती है, लेकिन फिर भी इंदौरी सुधरने का नाम नहीं लेते। इस साल के नौ माह में 60 हजार लोगों ने नियम (Rules) तोड़े, जिससे जुर्माना के रूप में पुलिस ने पौने तीन करोड़ रुपए वसूले हैं।
मिनी मुंबई (Mini Mumbai) के नाम से पहचान बनाने वाले इंदौर (Indore) शहर में यूं तो मुंबई से अधिक वाहन हैं, जिसके चलते यहां यातायात नियंत्रण (traffic control) पुलिस (police) के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। जाम की समस्या आम बात है। शहर में प्रमुख चौराहों पर सुबह और शाम के समय निकलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन शहर के लोग नियम तोडऩे में भी पीछे नहीं हैं। एएसपी अनिलकुमार पाटीदार (ASP Anilkumar Patidar) ने बताया कि इस साल नौ माह में यातायात पुलिस (Traffic Police) ने नियम तोडऩे वालों के 60 हजार से अधिक चालान बनाए हैं। इन लोगों से समन शुल्क के रूप में दो करोड़ 70 लाख रुपए वसूले हैं। इंदौर शहर नियम तोडक़र शासन को राजस्व देने में भी नंबर वन है। सरकार को हर साल पांच करोड़ से अधिक का राजस्व चालान से मिलता है, लेकिन कोरोना काल (corona period) के चलते गत वर्ष तो काफी कम चालान बने थे। इसकी तुलना में इस साल चालान अधिक बने हैं, लेकिन फिर भी गत वर्षों की तुलना में कम हैं। हर रोज शहर में दो सौ से ढाई सौ लोग नियम तोड़ते हैं।
दोपहिया वाहन चालक सबसे अधिक
इस साल बने चालान में सबसे बड़ा हिस्सा दोपहिया वाहन चालकों का है। 32 हजार दोपहिया वाहन चालकों ने नियम तोड़े हैं। इसके अलावा 22 हजार कार और जीप सवारों ने भी नियम तोड़े हैं। रिक्शा, बस, वैन चालक भी लगातार नियम तोडऩे में माहिर हैं। इस साल सबसे अधिक संकेतक का उल्लंघन 19 हजार लोगों ने किया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या चार सौ है, जबकि मोबाइल पर बात करने वाले तीन हजार लोगों के चालान बनाए गए हैं।
जागरूकता के लिए भी नए-नए फंडे
पाटीदार ने बताया कि पुलिस एक ओर जहां चालानी कार्रवाई कर रही है, वहीं शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के लाइसेंस (license) भी निरस्त करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस जागरूकता अभियान भी चला रही है। जहां चौराहों पर जन्मदिन मनाकर एक घंटे यातायात संभालने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों का चालान न बनाते हुए उनसे उसी चौराहे पर 40 मिनट तक पुलिस के साथ यातायात व्यवस्था संभालने के लिए कहा जा रहा है। यह सिलसिला जारी है।