
भोपाल। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे सरकार बचाने और सरकार बनाने वाले उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टियां अलग-अलग रणनीति बनाकर काम कर रही हैं। भाजपा को विश्वास है कि शहरी मतदाता का झुकाव उसकी ओर रहता है, इसलिए पार्टी की निगाहें ग्रामीण मतदाताओं पर हैं। इसी हिसाब से बड़े नेताओं की सभाएं तय की जा रही हैं। खासकर भाजपा का फोकस किसानों पर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अब तक ज्यादातर सभाएं या बैठकें विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचल में ली हैं। इसके विपरीत कांग्रेस की नजर शहरी और नगरीय वोटर पर है। पार्टी का मानना है कि ग्रामीण अंचल से उसे अच्छा खासा वोट मिलता है लेकिन शहर में वह पीछे रह जाती है। यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ज्यादातर सभाएं विधानसभा मुख्यालयों पर आयोजित की जा रही हैं।
पोहरी में तीन सभाएं
मुख्यमंत्री ने पोहरी विधानसभा में अभी तक तीन सभाएं ली हैं। तीनों सभा स्थल ग्रामीण क्षेत्र में है। पहली सभा पोहरी में ली, दूसरी सतनबाड़ा और तीसरी झिरी गांव में ली। ये इलाके ग्रामीण अंचल में है। इस क्षेत्र में किसानों की बड़ी संख्या है।
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