टोक्यो । जापान मे कोरोना महामारी के प्रसार के साथ जापानी प्रधानमंत्री योशीहाइड सुगा ने महामारी से निपटने के लिए सोमवार को नए सिरे से दबाव का सामना किया। एक नए जनमत सर्वेक्षण के साथ कई लोगों ने माना कि सरकार संक्रमण की नई लहर से निपटने काफी स्लो रही। यह सर्वे सरकार की उदासीनता की ओर दर्शाता है। इस सवेक्षण के बाद जापान में सियासत गरम हो गई है। विपक्षी सांसदों ने सुगा के नेतृत्व से निराशा व्यक्त की। उन्होंने मांग की कि वह कोविड-19 संकट और जापान में शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक के बारे सवालों का जवाब दें।
जापानी प्रधानमंत्री सुगा 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक और कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बीच संघर्ष कर रहे हैं। इस सर्वे में जापान की मौजूदा सरकार अपने समर्थन में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। टेलीफोन द्वारा किए गए सर्वे में 80 फीसद उत्तरदाताओं ने कोरोना वायरस के प्रकोप में आपातकाल की स्थिति घोषित करने की गति बहुत धीमी थी। उधर, आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री सुगा ने घरेलू पर्यटन को बंद करने में बहुत वक्त लगाया। उनकी इस उदासीनता के कारण वायरस के प्रसार तेजी से हुआ। यह वायरस प्रसार का बड़ा कारण माना गया।
पर्यटन पर रोक नहीं लगने के कारण कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से विस्तार हुआ। इसने कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि में योगदान दिया। उधर सरकार का कहना है कि संक्रमण के आंकड़ों के आधार पर घरेलू पर्यटन पर फैसला उचित था। जापान में कोरोना वायरस के कुल 3,65,723 मामले सामने आए हैं। वायरस से अब तक 5,120 लोगों की मौत हो चुकी है। सुगा ने कहा कि टोक्यो में मामलों में गिरावट के बावजूद सरकार आपातकाल की स्थिति को उठाने पर विचार नहीं करेगी। अर्थव्यवस्था मंत्री यासुतोषी निशिमुरा ने कहा कि अगर टोक्यो में एक दिन में 500 से भी कम मामले आते हैं तो भी सरकार आपातकाल को समाप्त नहीं करेगी।
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