इंदौर। शहर में सप्लाई हुए लगभग 500 में से 90 प्रतिशत नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) का इस्तेमाल हो गया है। आश्चर्य की बात है कि इनसे ज्यादातर मरीज ठीक भी हो गए हंै। बचे हुए इंजेक्शन को बरामद करने के लिए पुलिस मिश्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल और दवा बाजार की दुकान से मिले फुटेज के आधार पर लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
सूरत के फार्म हाउस में बनाए गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) की एक खेप इंदौर में सुनील मिश्रा के माध्यम से पहुंची थी। यहां लगभग 500 इंजेक्शन आए थे। इस संबंध में डीआईजी मनीष कपूरिया का कहना है कि अब तक की जांच में पता चला है कि इनमें से 90 प्रतिशत इंजेक्शन का इस्तेमाल हो चुका है। यह भी आश्चर्य की बात है कि इनमें से ज्यादातर मरीज ठीक भी हो चुके हैं। यह जांच का एक अलग विषय है। इसके अलावा बचे हुए इंजेक्शन बरामद करने के लिए दवा बाजार की दुकान से मिले फुटेज और सुनील मिश्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस की टीम लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। लेकिन अब और इंजेक्शन मिलने की संभवना कम हो गई है। वहीं उन्होंने बताया कि प्रमुख आरोपी पुनीत शाह, कौशल वोरा और सुनील मिश्रा का प्रोडक्शन वारंट पुलिस को मिल गया है। गुजरात पुलिस से बात चल रही है। जल्द ही पुलिस टीम वहां भेजकर तीनों आरोपियों को इंदौर लाया जाएगा। इंजेक्शन की एक और खेप के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बाहर का व्यापारी ये इंजेक्शन दवा बाजार से लेकर गया था।
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